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Year Ender 2024: पूरा विश्व नए साल 2025 के स्वागत के लिए तैयार है। लेकिन इस साल की बात करें तो राजनीति में साल 2024 सभी पार्टियों के लिए काफी अनपेक्षित रहा। आइए एक नजर डालते हैं इस साल 2024 में होने वाली कुछ प्रमुख राजनीतिक घटनाओं पर-
लोकसभा चुनाव 2024: आम चुनाव 2024 के लिए 19 अप्रैल से 1 जून 2024 के बीच सात चरणों में मतदान हुआ। यह मतदान इस साल की प्रमुख राजनीतिक घटनाओं में से एक है। इस बार चुनाव के नतीजे चौंकाने वाले रहे। एक तरफ जहां एनडीए 'अबकी बार, 400 पार' के नारे के साथ चुनावी रण में उतरी, वहीं दूसरी तरफ विपक्षी दलों ने एनडीए को हराने के लिए भारत गठबंधन बनाया। चुनाव नतीजे सामने आए तो एनडीए 400 के आंकड़े तक नहीं पहुंच पाई, लेकिन नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बन गए। वहीं, लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों को कुछ सीटों पर बढ़त भी मिली।
अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा: तिहाड़ जेल से बाहर आने के बाद आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने एक ऐसा फैसला लिया, जिसके बारे में किसी ने सोचा भी नहीं होगा। जेल से बाहर आने के बाद अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और दिल्ली के सीएम पद से इस्तीफे का ऐलान कर दिया। केजरीवाल ने 17 सितंबर को इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई। अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफा देते हुए कसम खाई कि वह सीएम पद तभी स्वीकार करेंगे, जब दिल्ली की जनता उन्हें क्लीन चिट देगी।
महाराष्ट्र चुनाव: इस साल महाराष्ट्र में भी विधानसभा चुनाव हुए। महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन को जहां लोकसभा चुनाव में निराशा हाथ लगी, वहीं विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र की जनता ने महायुति गठबंधन का दिल खोलकर साथ दिया। हाल ही में संपन्न महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन ने भारी बहुमत हासिल कर राज्य में अपनी सरकार बनाई है। हालांकि, यहां मुख्यमंत्री बदल गए हैं। इससे पहले एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के सीएम थे, जबकि इस चुनाव के बाद देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र का सीएम बनाया गया है।
हेमंत सोरेन जेल गए: झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेता और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लिए साल 2024 उतार-चढ़ाव भरा रहा है। साल 2024 उनके लिए बड़ा झटका लेकर आया। कथित घोटाला मामले में जनवरी में ही उन्हें जेल जाना पड़ा। इसके बाद चंपई सोरेन को झारखंड का सीएम बनाया गया। हालांकि, बाद में उन्हें जमानत मिल गई और उन्होंने फिर से झारखंड के सीएम का पद संभाल लिया। इस पूरे घटनाक्रम के दौरान चंपई सोरेन JMM छोड़कर भारतीय जनता पार्टी के साथ चले गए। हालांकि, इस साल हुए विधानसभा चुनाव में एक बार फिर JMM ने जीत हासिल की और हेमंत सोरेन झारखंड के सीएम बने।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव: इस साल जम्मू-कश्मीर में हुए विधानसभा चुनाव ऐतिहासिक रहे। इस बार राज्य में एक दशक के बाद विधानसभा चुनाव हुए। ऐसे में इस चुनाव पर सभी की निगाहें टिकी हुई थीं। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 का दर्जा हटाए जाने के बाद यह पहला चुनाव था। वहीं अगर चुनाव की बात करें तो यहां के मतदाताओं ने मतदान के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। इस चुनाव में उमर अब्दुल्ला की अगुवाई वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस ने शानदार वापसी की। वहीं उमर अब्दुल्ला राज्य के सीएम चुने गए।
राहुल गांधी की यूपी में वापसी: कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लिए लोकसभा चुनाव 2024 काफी खास रहा है। पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में जहां राहुल गांधी को यूपी की अमेठी लोकसभा सीट से हार का सामना करना पड़ा था, वहीं इस बार लोकसभा चुनाव 2024 में उन्होंने अमेठी में वापसी की है। दरअसल, लोकसभा चुनाव 2019 में राहुल गांधी को अमेठी सीट पर हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि, उन्होंने वायनाड लोकसभा सीट पर जीत हासिल की थी, जिसके बाद वे वायनाड के सांसद बने रहे। वहीं, लोकसभा चुनाव 2024 में उन्होंने दोनों सीटों पर जीत दर्ज की और अमेठी सीट से ही सांसद बने रहने का फैसला किया।
नवीन पटनायक की हार: इस साल ओडिशा में भी विधानसभा चुनाव हुए। इस चुनाव में बड़ा फेरबदल देखने को मिला। ओडिशा की राजनीति में मेगास्टार कहे जाने वाले नवीन पटनायक की पार्टी को इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। ओडिशा विधानसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी ने शानदार जीत हासिल कर राज्य में सरकार बनाई और दशकों से सत्ता में रहे नवीन पटनायक को सरकार छोड़नी पड़ी।
प्रियंका गांधी का राजनीति में कदम: नेहरू-गांधी परिवार की एक और सदस्य प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस साल राजनीति में कदम रखा। लोकसभा चुनाव 2024 में अमेठी और वायनाड दोनों लोकसभा सीटें जीतने के बाद राहुल गांधी ने वायनाड सीट छोड़ दी और अमेठी से सांसद बने रहे। तब से वायनाड सीट खाली है। वहीं, वायनाड लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज की है और प्रियंका वायनाड से सांसद चुनी गईं।
आतिशी बनी दिल्ली की सीएम: अरविंद केजरीवाल ने तिहाड़ जेल से बाहर आने के बाद दिल्ली के सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। इस घटना के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई। वहीं, सबकी निगाहें इस बात पर टिकी थीं कि दिल्ली का सीएम कौन होगा। माना जा रहा था कि मनीष सिसोदिया को दिल्ली के सीएम पद की कमान सौंपी जा सकती है, लेकिन अरविंद केजरीवाल के साथ ही मनीष सिसोदिया ने भी सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। इस बीच पार्टी विधायकों की बैठक में आतिशी का नाम दिल्ली के सीएम पद के लिए आगे लाया गया और इस पर सभी ने सहमति जताई। इस तरह आतिशी दिल्ली की मुख्यमंत्री बनी।