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राष्ट्रीय

News by Goldi   08 May, 2025 22:08 PM

India Pak Tension: भारत ने अपनी उन्नत एस-400 ‘सुदर्शन चक्र’ वायु रक्षा प्रणाली का उपयोग कर 7-8 मई 2025 की रात पाकिस्तान द्वारा किए गए ड्रोन और मिसाइल हमलों को सफलतापूर्वक नाकाम कर दिया गया। यह  पाकिस्तान के उस कार्रवाई प्रयास के जवाब में थी, जिसमें उसने उत्तरी और पश्चिमी भारत के 15 शहरों, जिनमें श्रीनगर, जम्मू, अमृतसर, लुधियाना, और भुज शामिल थे, को निशाना बनाने की कोशिश की थी। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि भारतीय वायुसेना की एकीकृत काउंटर यूएएस ग्रिड (Integrated Counter UAS Grid of Indian Air Force) और रूस निर्मित एस-400 प्रणाली ने इन हमलों को पूरी तरह नाकाम कर दिया।

 

एस-400 की ताकत और तकनीक
 
एस-400 ट्रायम्फ, जिसे नाटो में एसए-21 ग्रोलर के नाम से जाना जाता है, दुनिया की सबसे उन्नत लंबी दूरी की वायु रक्षा प्रणालियों में से एक है। यह प्रणाली 600 किलोमीटर तक हवाई खतरों को ट्रैक कर सकती है और 400 किलोमीटर तक की दूरी पर ड्रोन, लड़ाकू विमान, और बैलिस्टिक मिसाइलों को नष्ट कर सकती है। इसकी मल्टीफंक्शन रडार और स्वायत्त लक्ष्यीकरण प्रणाली इसे जैमिंग प्रयासों को नाकाम करने में सक्षम बनाती है। भारत ने इस प्रणाली को रूस के अल्माज-एंटी से हासिल किया है, जो सभी क्षेत्रीय सुरक्षा गतिशीलता को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
 
 
ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तानी जवाब
 
यह घटना भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद हुई, जिसमें भारतीय वायुसेना ने 7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान  कश्मीर (POK) में नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक मिसाइल हमले किए। ये हमले 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला लेने के लिए थे, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। ऑपरेशन में राफेल जेट्स, स्कैल्प मिसाइलें, और हैमर बमों का उपयोग किया गया। पाकिस्तान ने इसका जवाब ड्रोन और मिसाइलों से हमला करके दिया, लेकिन एस-400 ने इन सभी खतरों को समय रहते नष्ट कर दिया।
 
 
भारत की रणनीतिक ताकत
 
एस-400 प्रणाली की यह सफलता भारत की रक्षा क्षमताओं को दर्शाती है। यह प्रणाली न केवल पाकिस्तान के हवाई हमलों को रोकने में सक्षम है, बल्कि क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वी चीन के खिलाफ भी रणनीतिक लाभ प्रदान करती है। इसकी मोबाइल लांचरों की तैनाती और तेजी से स्थानांतरण की क्षमता इसे दुश्मनों के लिए एक बड़ा खतरा बनाती है। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि एस-400 ने भारत को ‘नो-फ्लाई जोन’ बनाने की क्षमता दी है, जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों में विरोधी हवाई गतिविधियां सीमित हो गई हैं।
 
 
वैश्विक प्रतिक्रिया

इस घटना पर वैश्विक समुदाय की नजर है। रूस, फ्रांस, और संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों से शांति बरतने की अपील की है, जबकि इजरायल ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया है। पाकिस्तान ने इन हमलों को ‘युद्ध की कार्रवाई’ करार देते हुए जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है, जिससे तनाव और बढ़ गया है।
भारत ने स्पष्ट किया है कि वह किसी भी सैन्य हमले का कड़ा जवाब देगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “हम केवल उन लोगों को निशाना बनाते हैं, जिन्होंने हमारे नागरिकों को नुकसान पहुंचाया।” 
 
 

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