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18वीं लोकसभा का पहला शीतकालीन सत्र आज यानी सोमवार 25 नवंबर से शुरू हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सत्र शुरू होने से पहले अपने विचार साझा करेंगे। पहले दिन की कार्यवाही में हंगामे की संभावना जताई जा रही है क्योंकि विपक्ष ने अमेरिका में गौतम अडानी के खिलाफ दर्ज एफआईआर और वक्फ संशोधन बिल पर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। इससे ये साफ है कि पहले दिन ही संसद में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हो सकती है।
विपक्ष मुद्दे से पीछे हटने को तैयार नहीं
विपक्ष किसी भी मुद्दे पर पीछे हटने को तैयार नहीं है। इस बीच, केंद्रीय संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने सरकार की ओर से अपील की है कि संसद को सुचारु रूप से चलाया जाए और विपक्ष से सहयोग की उम्मीद जताई है। सरकार इस सत्र में 16 महत्वपूर्ण बिल पेश करने की तैयारी कर रही है, जिसमें वक्फ संशोधन बिल और बैंकिंग संशोधन बिल शामिल हैं।
बीजेपी का इन मुद्दों पर दांव
महाराष्ट्र चुनाव में बड़ी जीत के बाद बीजेपी और एनडीए नेताओं में इस सत्र में पेश होने वाले महत्वपूर्ण बिलों को लेकर उत्साह है, लेकिन वे अडानी के खिलाफ एफआईआर और वक्फ बिल जैसे मुद्दों पर किसी भी प्रकार की लचीलापन दिखाने को तैयार नहीं हैं।
संविधान भवन में राष्ट्रपति मुर्मू का संबोधन
रविवार को संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि संसद को सुचारु रूप से चलाना चाहिए। उन्होंने सभी दलों से सत्र में सहयोग की अपील की। 26 नवंबर को लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही नहीं होगी, क्योंकि इस दिन संविधान की 75वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। इस अवसर पर राष्ट्रपति संविधान भवन में संबोधित करेंगे और संविधान बनाने की प्रक्रिया पर जानकारी दी जाएगी।
वक्फ बिल पर मुख्य फोकस
किरेन रिजिजू ने यह भी कहा कि सभी पार्टी बैठक में सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। विपक्ष जो भी चर्चा चाहता है, उसे पहले बिफोर अरेन्जमेंट कमेटी (BAC) में पेश किया जाए। वक्फ बिल शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा, लेकिन अगर इसमें कोई देरी होती है तो इसे फिर से विचार किया जा सकता है। इस बैठक में 30 राजनीतिक दलों के 42 नेताओं ने हिस्सा लिया।
ये हैं संभावित बिलों की सूची:
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