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Jawaharlal Nehru: आज भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की जयंती है। उनका जन्म 14 नवंबर 1889 को हुआ था। उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। आधुनिक भारत के निर्माता कहे जाने वाले नेहरू का नाम आज भी नेताओं की जुबान पर रहता हैं। सत्ताधारी बीजेपी उन पर कई आरोप लगाती है। ऐसा भी कहा जाता है कि नेहरू अय्याशी में लिप्त रहते थे। आज हम आपको नेहरू और एडवीना माउंटबेटन की लव स्टोरी के बारे में बताएंगे।
साल 1946 में भारत के आखिरी वायसराय लार्ड माउंटबेटन अपने पत्नी एडवीना माउंटबेटन पर बेटी पामेला के साथ भारत आए थे। भारत आने के बाद उनके नेहरू के साथ गहरी दोस्ती हो गई, जो कि बाद में प्यार में बदल गई। एमजे अकबर की किताब 'नेहरू द मेकिंग ऑफ इंडिया' में लिखा है कि नेहरू और एडविना गवर्नमेंट हाउस के स्विमिंग पूल में तैराकी करने जाते थे। यहीं से उनके रिश्ते के बारे में बातें शुरू हुईं। एडविना ने लॉर्ड माउंटबेटन से प्रेम विवाह किया था लेकिन भारत आने के बाद नेहरू उनसे प्यार करने लगे थे। एडविना की बेटी पामेला हैंक्स भी नेहरू को पसंद करती थीं।
बीबीसी को दिए इंटरव्यू में पामेला ने कहा था कि मेरी मां और पंडित जी एक दूसरे से बेहद प्यार करते थे। मेरी मां अकेलेपन की शिकार थीं और फिर नेहरू उनकी जिंदगी में आए। पंडित जी आकर्षक और मनमोहक थे, शायद यही वजह थी कि मेरी मां उनसे इतना प्यार करने लगी थीं। 'नेहरू: द मेकिंग ऑफ इंडिया' किताब के मुताबिक एक बार नेहरू उत्तर प्रदेश के गवर्नर सर होमी मोदी के घर पर ठहरे हुए थे। उस समय वे नैनीताल में छुट्टियां बिता रहे थे। रात करीब 8 बजे सर मोदी ने अपने बेटे रूसी मोदी से कहा कि नेहरू से कहो कि डिनर का समय हो गया है और वे आकर खाना खा लें।
जब रूसी मोदी नेहरू के कमरे में पहुंचे तो वे दंग रह गए क्योंकि उन्होंने वहां एक अजीब नजारा देखा। पंडित नेहरू ने एडविना माउंटबेटन को अपनी बाहों में भर लिया था और उनसे प्यार कर रहे थे। दोनों एक दूसरे के प्यार में पूरी तरह डूबे हुए थे। जैसे ही दरवाज़ा खुला, नेहरू की नज़रें रूसी से मिलीं और वे भौंचक्के रह गए। मोदी ने तुरंत दरवाज़ा बंद किया और नीचे आकर बैठ गए। थोड़ी देर बाद नेहरू भी कमरे से बाहर आए और डाइनिंग टेबल पर बैठ गए। फिर थोड़ी देर बाद एडविना भी बाहर आईं।