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Vivek Oberoi Fraud Case:बॉलीवुड एक्टर विवेक ओबेरॉय ने कथित तौर पर 1.55 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामना आया है। इस मामले में एक्टर ने अपने तीन बिजनेस पार्टनर्स के खिलाफ धोखाधड़ी और ठगी का मामला दर्ज करवाया है। विवेक ओबेरॉय ने आरोप लगाया है कि आरोपियों ने उनसे आकर्षक मुनाफे का वादा कर एक इवेंट और फिल्म निर्माण फर्म में पैसा इन्वेस्ट करवाया था। लेकिन बाद में आरोपी व्यक्तियों ने पैसे का इस्तेमाल गलत तरीके से किया। मुंबई की MIDC पुलिस मामले की जांच कर रही है।
Vivek Oberoi की कंपनी 'ओबेरॉय मेगा एंटरटेनमेंट एलएलपी' ने चार्टर्ड अकाउंटेंट देवेन बाफना को आनंदिता एंटरटेनमेंट एलएलपी के पार्टनर्स संजय शाह, नंदिता शाह, राधिका नंदा और अन्य के खिलाफ उनकी ओर से पुलिस केस करने के लिए अधिकृत किया है। विवेक और उनकी पत्नी प्रियंका ने अप्रैल 2017 में 'ओबेरॉय ऑर्गेनिक एलएलपी' की शुरुआत की थी, जो ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स की खरीद और बिक्री करती है। लेकिन तीन साल बाद वो इस कंपनी को बंद करने पर विचार कर रहे थे। यह फैसला बाजार में ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स की कम होती मांग को लेकर लिया गया।
फरवरी 2020 में हुई थी विवेक ओबेरॉय की बिजनस डील
'इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान कथित तौर पर विवेक ओबेरॉय का संपर्क संजय शाह से हुआ। वह एक कार्यक्रम आयोजित करने और फिल्में बनाने का काम करते थे। इवेंट और फिल्मों से जुड़े उनके अनुभव को देखते हुए, ओबेरॉय ने फिल्म इंडस्ट्री में कार्यक्रम आयोजित करने के बिजनस में संजय शाह को अपना पार्टनर बनाया। फरवरी 2020 में, विवेक ओबेरॉय और संजय शाह ने बिजनेस डील पर चर्चा करने के लिए अंधेरी इलाके के एक फाइव स्टार होटल में मुलाकात की थी और शर्तों पर सहमति बनी थी।
ऑर्गेनिक कंपनी का नाम बदलकर किया आनंदिता एंटरटेनमेंट
पुलिस के पास दर्ज FIR के मुताबिक, जुलाई और सितंबर 2020 के बीच समझौते का ध्यान रखते हुए ओबेरॉय ऑर्गेनिक एलएलपी के नाम को बदलकर आनंदिता एंटरटेनमेंट एलएलपी किया गया। इस नए बिजनस का काम इवेंट करवाना और फिल्मों का निर्माण करना था। आनंदिता एंटरटेनमेंट एलएलपी में पार्टनर के तौर पर संजय और उनकी मां का नाम भी जोड़ा गया। संजय की परिचित राधिका का नाम फर्म में भागीदार के रूप में जोड़ा गया था और एक्टर की पत्नी प्रियंका को इस्तीफा देने के लिए कहा गया था।
विवेक ओबेरॉय ने किया 95.72 लाख का निवेश
पुलिस ने बताया कि छह महीने के बाद, आनंदिता एंटरटेनमेंट एलएलपी के भागीदारों में से विवेक ओबेरॉय ने अपनी हिस्सेदारी (33.33%) और पद को ओबेरॉय मेगा एंटरटेनमेंट एलएलपी से बदल लिया। नवंबर 2021 तक एक्टर ने आनंदिता एंटरटेनमेंट LLP में 95.72 लाख रुपये का इन्वेस्टमेंट किया।
'गणशे' फिल्म और नवाजुद्दीन सिद्दीकी की कास्टिंग
फरवरी 2021 में संजय शाह और विवेक ओबेरॉय ने फिल्म 'गणशे' को प्रोड्यूस करने का फैसला किया। इसके लिए नवाजुद्दीन सिद्दीकी को साइन किया गया और विवेक ओबेरॉय ने तब 51 लाख रुपये का भुगतान किया था। डायरेक्टर और राइटर को भी काम पर रखा गया और उन्हें भी फीस दी गई। पुलिस शिकायत में कहा गया है कि विवेक ओबेरॉय और संजय शाह फिल्म की रिलीज के लिए Zee5 ओटीटी प्लेटफॉर्म के साथ बातचीत कर रहे थे।
कंपनी के पैसों से पार्टनर ने खरीदे जेवर, भरे इंश्योरेंस बिल
इस बीच साल 2022 की शुरुआत में, विवेक ओबेरॉय ने जब अपना इन्वेस्टमेंट डिटेल चेक किया तो पाया कि संजय ने धन का दुरुपयोग किया है। जब एक्टर ने फर्म की मैनेजर से बात की तो उन्होंने भी इस बात की पुष्टि की। एफआईआर में कहा गया है कि विवेक ओबेरॉय ने अपने सीए को काम पर लगाया और पता चला कि संजय, नंदिता और राधिका ने इंश्योरेंस के पेमेंट, जेवर खरीदने, वेतन निकालने आदि जैसे पर्सनल खर्चों के लिए कथित तौर पर फर्म के 58.56 लाख रुपये के फंड का दुरुपयोग किया।
नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने लौटा दिए पैसे
बाद में विवेक ओबेरॉय को यह भी पता चला कि संजय ने एक और फर्म 'आनंदिता स्टूडियोज प्राइवेट लिमिटेड' बनाई है। संजय ने Zee5 के अधिकारियों से झूठ बोला गया कि उनकी फर्म आनंदिता स्टूडियोज प्राइवेट लिमिटेड ही फिल्म 'गणशे' का निर्माण कर रही थी। इसके बाद विवेक ओबेरॉय ने नवाजुद्दीन सिद्दीकी को धोखाधड़ी के बारे में बताया, जिसके बाद नवाजुद्दीन ने उनके 51 लाख रुपये लौटा दिए।
पुलिस ने IPC की इन धाराओं में दर्ज किया केस
पुलिस शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया कि संजय और अन्य आरोपियों ने कथित तौर पर 60 लाख रुपये की रकम अपने कब्जे में ले ली, जो एक्टर और उनकी कंपनी को विभिन्न कार्यक्रमों में गेस्ट के रूप में आने के लिए फीस के तौर पर मिली थी। इसके बाद विवेक ओबेरॉय ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाने का फैसला किया। एक अधिकारी ने बताया कि विवेक ओबेरॉय के प्रतिनिधि की शिकायत पर एमआईडीसी पुलिस ने संजय, उनकी मां नंदिता और राधिका पर भारतीय दंड संहिता की धारा 406 (आपराधिक विश्वासघात), 409 (लोक सेवक, बैंकर, व्यापारी या एजेंट द्वारा आपराधिक विश्वासघात), 420 (धोखाधड़ी) और 34 (सामान्य इरादा) के तहत मामला दर्ज किया है।