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Vishwakarma Yojana: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश वासियों को 169 शहरों में ई-बस चलाने की योजना को अपनी मंजूरी दे दी है। मिली जानकारी के अनुसार, कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में बताते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया है कि, पीएम ई-बस सेवा को मंजूरी दे दी गई है। इस के लिए देश भर में लगभग 10,000 नई इलेक्ट्रिक बसें चलायी जाएंगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसलों पर एक ब्रीफिंग के दौरान, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, "57,613 करोड़ रुपये में से 20,000 करोड़ रुपये केंद्र सरकार द्वारा प्रदान किए जाएंगे।
केंद्रीय मंत्री के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार यह योजना तीन लाख और उससे अधिक आबादी वाले शहरों को कवर करेगी। इस योजना के तहत, सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर 10,000 ई-बसों के साथ सिटी बस संचालन किया जाएगा। यह योजना 10 वर्षों के लिए बस संचालन का समर्थन करेगी। इसके साथ ही केंद्रीय कैबिनेट ने विश्वकर्मा योजना को भी मंजूरी दे दी है। दूसरी ओर, कैबिनेट में लिए गए फैसलों के बारे में बताते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि बुधवार को डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विस्तार को भी हरी झंडी दिखा दी गई है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विश्वकर्मा योजना के बारे में जानकारी देते हु्ए बताया कि, मंत्रिमंडल की बैठक में प्रधानमंत्री ने पारंपरिक कौशल वाले लोगों का समर्थन करने के लिए 'पीएम विश्वकर्मा' योजना को मंजूरी दे दी। इस योजना के तहत उदार शर्तों पर 1 लाख रुपये तक का लोन दिया जाएगा। इस योजना के संचालन से देशभर के करीब 30 लाख विश्वकर्मा परिवारों को फायदा मिलेगा।
इसके साथ हीं केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसके फंड के बारे में जानकारी देते हुए ये भी बताया कि, बुधवार को 13,000 करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना को मंजूरी दे दी, जिससे बुनकरों, सुनारों, लोहारों, कपड़े धोने वाले श्रमिकों और नाइयों सहित लगभग 30 लाख पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के परिवारों को लाभ होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने संबोधन में इस योजना की घोषणा की थी। संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कहा कि योजना के तहत शिल्पकारों को पहली किस्त में एक लाख रुपये और दूसरी किस्त में दो लाख रुपये का रियायती ऋण दिया जाएगा। ये ऋण 5 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर पर उपलब्ध कराए जाएंगे। मंगलवार को प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि यह योजना 17 सितंबर को विश्वकर्मा जयंती पर शुरू की जाएगी।
इसके अलावा केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक ब्रीफिंग में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में 32,500 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ भारतीय रेलवे को लक्षित सात मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने बुधवार को भारतीय रेलवे की सात मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दे दी। प्रस्तावित परियोजनाएं मौजूदा लाइन क्षमता को बढ़ाने, ट्रेन संचालन को सुचारू बनाने, भीड़ को कम करने और यात्रा और परिवहन में आसानी की सुविधा प्रदान करने में मदद करेंगी। वैष्णव ने कहा कि उक्त परियोजनाएं जो पूरी तरह से इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (ईपीसी) मोड पर बनाई जाएंगी, भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में 2,339 किलोमीटर की वृद्धि करेंगी। परियोजनाओं को केंद्र सरकार से 100 प्रतिशत वित्त पोषण प्राप्त होगा। ये योजनाएं आंध्र प्रदेश, बिहार, गुजरात, झारखंड, महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के 35 जिलों को कवर करेंगी। इसके बाद जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मंत्रिमंडल ने 14,903 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ डिजिटल इंडिया परियोजना के विस्तार को मंजूरी दे दी है। मंत्री ने कहा कि विस्तारित डिजिटल इंडिया परियोजना योजना के पिछले संस्करण के तहत किए गए कार्यों को जोड़ेगी। वैष्णव ने कहा, "प्रधानमंत्री ने मंत्रिमंडल की बैठक में 14,903 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को मंजूरी दी। उन्होंने कहा कि परियोजना के तहत 5.25 लाख आईटी पेशेवरों को पुनर्कुशल और अकुशल बनाया जाएगा और 2.65 लाख व्यक्तियों को आईटी में प्रशिक्षित किया जाएगा। विस्तारित डिजिटल इंडिया परियोजना के तहत, राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (एनसीएम) के तहत नौ और सुपर कंप्यूटर जोड़े जाएंगे। मंत्री ने कहा कि एनसीएम के तहत पहले ही 18 सुपर कंप्यूटर तैनात किए जा चुके हैं।