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Vice President Jagdeep Dhankad: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार (03 दिसंबर, 2024) को किसानों को लेकर केंद्र सरकार पर सवाल उठाए और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि विकसित भारत का रास्ता किसान के दिल से होकर गुजरता है, हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने कहा कि अगर आज किसान आंदोलन कर रहे हैं, तो उस आंदोलन का सीमित तरीके से आकलन करना बहुत बड़ी गलतफहमी और भूल होगी। जो किसान सड़क पर नहीं हैं, वे भी आज चिंतित हैं, परेशान हैं।
किसानों के साथ कंजूसी कर रही सरकार - उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति ने कहा- अगर भारत को विकसित राष्ट्र का दर्जा दिलाना है, तो हर व्यक्ति की आय को आठ गुना बढ़ाना होगा। उस आठ गुना बढ़ाने में सबसे बड़ा योगदान ग्रामीण अर्थव्यवस्था का है, किसान कल्याण का है। उन्होंने कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से सवाल किया, "मुझे समझ में नहीं आता कि किसानों से बातचीत क्यों नहीं हो रही है? मुझे समझ में नहीं आता कि हम अर्थशास्त्रियों, थिंक टैंकों से सलाह-मशविरा करके ऐसा फॉर्मूला क्यों नहीं बना सकते, जिससे हमारे किसानों को इनाम मिल सके। अरे, हम जो हक है, उसका इनाम नहीं दे रहे हैं। हमने जो भी वादा किया है, उसमें हम कंजूसी कर रहे हैं।"
शिवराज सिंह चौहान से पूछा सवाल
उपराष्ट्रपति ने आगे कहा, "किसान हमारे लिए आदरणीय हैं और हमेशा से पूजनीय हैं। मैं खुद किसान का बेटा हूं, मैं जानता हूं कि किसान क्या-क्या सहता है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद पूरे देश में फैली हुई है। इसमें 180 से ज्यादा संस्थाएं हैं, जो लंबे समय से काम कर रही हैं। कृषि, किसान और कृषि अर्थव्यवस्था से जुड़ा कोई भी पहलू अछूता नहीं रहा है। किसानों से बातचीत में देरी नहीं होनी चाहिए और हमें जानना चाहिए कि क्या किसानों से कोई वादा किया गया था? प्रधानमंत्री का दुनिया को संदेश है कि जटिल समस्याओं का समाधान बातचीत से होता है। कृषि मंत्री जी, आपसे पहले जो कृषि मंत्री थे, क्या उन्होंने लिखित में कोई वादा किया था? अगर किया था, तो उसका क्या हुआ?"