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उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक बार फिर तेज रफ्तार रका कहर देखने को मिला। जहां उत्तर प्रदेश के कानपुर-सागर हाईवे पर टेनापुर मोड़ के पास शुक्रवार को दोपहर तेज रफ्तार लोडर ने बाइक सवार दंपती को टक्कर मार दी। जहां दंपती लोडर में फंसकर लगभग 50 मीटर तक घिसटते चले गए। टक्कर के बाद दोनों दंपती की मौके पर ही मौत हो गई। जहां दुर्घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने मुआवजे की मांग को लेकर हाईवे पर जाम लगा दिया। जिसके बाद ज्वाइंट मजिस्ट्रेट मौके पर पहुंचे और मुआवजे का आश्वासन दिया।
गैस एजेंसी से लौट रहे थे दंपती
मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के स्योराढ़ी ताढवारा गांव निवासी राजू कुमार (35) शुक्रवार को अपनी पत्नी सीमा (35) के साथ बाइक से पतारा गैस एजेंसी से सिलेंडर लेकर लौट रहे थे। जिसके बाद टेनापुर मोड़ स्थित पेट्रोल पंप पर बाइक में पेट्रोल भरवाने के बाद हाईवे पर चढ़ते ही घाटमपुर की ओर से तेज रफ्तार से आ रहे डाक पार्सल के लोडर ने बाइक में पीछे से टक्कर मार दी। जिसके बाद बाइक सवार दंपती सड़क पर गिरने के बाद लोडर में फंस गए। लोडर चालक भागने के प्रयास में उन्हें लगभग 50 मीटर तक घसीटते हुए चला गया। इस हादसे में पति-पत्नी की मौके पर ही मौत हो गई।
ग्रमीणों ने जताया आक्रोश
दुर्घटना की खबर मिलते हीं आक्रोशित ग्रामीणों ने हाईवे पर मृत दंपती के शव को रखकर जाम लगा दिया। जिसकी सूचना मिलने पर पहुंचे इंस्पेक्टर विक्रम सिंह की मानमनौव्वल के बाद भी ग्रामीण नहीं माने। ग्रामीण एसडीएम को मौके पर बुलाने और मुआवजे की मांग पर अड़े रहे। दो घंटे बाद ज्वाइंट मजिस्ट्रेट हिमांशु गुप्ता ने पहुंचकर मुआवजा व कार्रवाई का लिखित आश्वासन दिया। इसके बाद ग्रामीण माने, तब पुलिस ने दोनों शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। जिसके बाद वहा के एसीपी दिनेश कुमार ने बताया कि, तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज की जाएगी। डायवर्जन करके हाईवे का यातायात बहाल करा दिया गया है।
मृत दंपती के है चार बच्चें
बता दें कि, हादसे में जान गंवाने वाले दंपती राजू कुमार और सीमा के चार बच्चे हैं। दुर्घटना में दोनों की जान जाने के बाद सवाल ये खड़ा हो रहा है कि, अब चार बच्चों की परिवरिश कौन करेगा। वहीं मृतक राजू के भाई करतार सिंह के अनुसार, अनु 10 वर्षीय बेटी संजू, 07 वर्षीय रश्मि, 05 वर्षीय वैष्णवी और 03 साल का बेटा भगवान दीन है। तीनों बेटियां गांव के प्राइमरी स्कूल में पढ़ती हैं। मां-पिता का साया सिर से उठने के बाद बच्चों का भरण पोषण कैसे होगा। इसकी चिंता उन्हें सता रही है। उधर, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने परिजनों को नियमानुसार आर्थिक मदद और जमीन देने का आश्वासन दिया है।