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उत्तर प्रदेश से एक बड़ी खहर सामने आ रही है। जहां आतंकवादी संगठनों से प्रभावित दो संदिग्धों को एटीएस के टीम ने गिरफ्तार किया है। बता दें कि, एटीएस ने दावा किया है कि, दोनों ने कुबूल किया कि वह आतंकी संगठन अलकायदा, अंसार गजवातुल, हिजबुल जैसे आतंकवादी संगठनों से प्रभावित हैं। साथ हीं शरिया कानून लागू कर भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की नीति तैयार कर रहे है। वहीं इसकी शुरुआत सोशल मीडिया से कर भी चुके है।
सोशल मीडिया पर उग्र पोस्ट करता था संदग्धि
मिली जानकारी के अनुसार पहला संदिग्ध उत्तर प्रदेश के गोंडा के पठानपुरवा का रहने वाला सद्दाम शेख जिसकी उम्र 38 साल बताई जा रही है। वो बंगलुरू में किसी एनटीसी नामक कंपनी में चालक का कार्य करता है। वहीं दुसरा संदिग्ध कश्मीर निवासी रिजवान खान जिसकी उम्र 23 साल बताई जा रही है। दोनो के आतंकवादी संगठन से जुड़े होने की खबर सामने आ रही है। बता दें कि, इसकी जानकारी देते हुए एटीएस के एक अधिकारी ने बताया कि, अपराधीयों ने कुबूल किया है कि, वो आतंकी संगठनों से जुड़े है और देश विरोधी मंसूबे बनाकर कोई बड़ी घटना करने के चक्कर में है। जिसके बाद मॉनीटरिंग से यह भी सामने आया कि, सद्दाम सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव है और वह आतंकी संगठनों के समर्थन में उग्र पोस्ट करता रहता है। इस पर उसे नोटिस देकर एटीएस मुख्यालय बुलाया गया। जिसके बाद एटीएस ने दावा किया है कि, प्रारंभिक पूछताछ में उसने अपने अपराध कुबूल किए हैं कि वह अल कायदा, अंसारगजवातुल हिंद और हिजबुल के आतंकी बुराहन वानी से बहुत प्रभावित है। लादेन, जाकिर मूसा, रियाज नायकू, नावेद नट, समीर टाइगर जैसे आतंकी उसके आदर्श हैं। उसके फोन में एके-47, कारतूस, आतंकियों के हथियार के साथ प्रशिक्षण करते फोटो, भारत विरोधी गाने भी मिले हैं।
इन आतंकियों से प्रभावित था रिजवान
इसके साथ हीं आपको ये भी बता दें कि, एटीएस ने दावा किया है कि, रिजवान भी जाकिर मूसा , बुरहान वानी जैसा बनना चाहता था। वह कसम खाकर जाकिर मूसा की तंजीम में शामिल हुआ और उसने स्वीकार किया कि वह जेहाद की राह पर फिदा होने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहा था। वहीं पुलिस ने दोनों से ही उनका मोबाइल बरामद किया है। इसके अलावा सद्दाम से ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड, एटीएम कार्ड, दो पासबुक, रेल टिकट तथा 47305 रुपये बरामद किए हैं।
बाबरी मस्जिद का बदला लेना चाहता था संदिग्ध
यहीं सबसे चौकाने वाली बात ये सामने आई है कि, आरोपी सद्दाम ने यह स्वीकार किया कि, वह बाबरी मस्जिद के फैसले से नाराज था और इसका बदला लेना चाहता था। इसलिए ऐसे कंटेंट भी सोशल मीडिया पोस्ट करता था कि कोई उससे संपर्क कर हथियारों का प्रशिक्षण दे सके। जिन मुसलमानों पर अत्याचार हुआ है वह उन्हें साथ लेकर अपनी एक सेना बनाना चाहता था। सद्दाम की डीपी में आईएसआईएस, अलबद्र, लश्कर ए तैयबा आदि संगठनों के फोटो मिले। वह आईएमओ एप के माध्यम से पाकिस्तानी, कश्मीरी आतंकियों के संपर्क में था। उसकी फेसबुक आईडी इसी तरह के क्रियाकलापों के कारण कई बार ब्लॉक की गई।