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US Election: दुनिया का महाशक्ति मुल्क अमेरिका, आकार की बात की जाए तो धरती का चौथा सबसे बड़ा देश और विश्व की सबसे ताकतवर आर्थिक महाशक्ति। लेकिन अमेरिका के इस सुपर पावर तमगे और सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की चमक-दमक के साथ ही एक जमीनी सच अमेरिकी शहरों की सड़कों पर भी नजर आता है और वो है बेघर होते अमेरिका का सच।
अमेरिका में एक बड़ी आबादी सड़कों पर नजर आती है। अमेरिकी सेंसस ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक करीब 3.27 लाख लोग रैनबसेरों में रहने को मजबूर हैं। 2023 में कुछ दिन बेघर लोगों का यह आंकड़ा 5 लाख को भी पार कर गया था। किसी विकसित देश के मानकों के लिहाज से यह एक बड़ी संख्या भी है। साथ ही अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए चिंता की निशानी भी। क्योंकि बेघर लोगों का यह आंकड़ा वर्कफोर्स की सेहत और उसकी माली हालत को साफ बताता है।
अमेरिकी संस्था नेशनल अलायंस ऑन लो इनकम हाउसिंग के मुताबिक, दो कमरों का अपार्टमेंट रखने के लिए एक अमेरिकी को औसतन 23 डॉलर प्रतिघंटा कमाना पड़ता है। कैलिफोर्निया में यह आंकड़ा 47 डॉलर और न्यूयॉर्क में 44 डॉलर प्रतिघंटा तक है। ऐसे में आबादी की एक बड़ी संख्या ऐसे भी है जो नियमित नौकरी में काम करने के बावजूद घर नहीं अफोर्ड कर पाते हैं और शेल्टर में रहने को मजबूर है। वहीं ऐसे भी कई लोग हैं जो बेघर भी हैं और बेरोजगार भी।
ऐसे में घर बनाने और घर चलाने की बढ़ती कीमतें कई अमेरिकियों को बेघर कर रही है। कोरोना के बाद घरों के दाम करीब 50% तक बढ़े हैं। वहीं, घरों का किराया भी बहुत महंगा हुआ है। न्यूजर्सी के पर्सीपैनी में अर्ली वोटिंग की कतार में लगी मोनिका कहती हैं कि घरों के दाम से लेकर बच्चों की पढ़ाई-लिखाई और महंगाई बड़ा मुद्दा है। वही राष्ट्रपति बेहतर होगा जो इसमें राहत दे पाए। आबादी का एक बड़ा तबका कमला हैरिस और डॉनल्ड ट्रंप के चुनाव अभियान में घरों के दाम से लेकर दैनिक-गुजर बसर में सहूलियत की दवा तलाश रहा है।
कमला हैरिस नया मकान खरीदने वालों को 25 हजार डॉलर की एक मुश्त मदद और किफायती मकान बनानों वालों के लिए कर रियायत की बात कर रही हैं। वहीं, पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप अपने भाषणों में घरों के बढ़े दाम और लोगों को हो रही मुश्किलों का खूब जिक्र कर रहे हैं। रिएल एस्टेट कारोबारी से राजनेता बने ट्रंप अधिक घर बनाने की हिमायत करते हुए सरकारी जमीन को अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए खोलने की बात करते हैं। हालांकि अपने प्रचार में ट्रंप हर समस्या के लिए बाहर से आए लोगों और अवैध प्रवासियों का अपना पसंदीदा मुद्दा उठाने का कोई मौका भी नहीं चूकते।
लाखों की संख्या में अमेरिकी छोटे घरों में रहते हैं। अफोर्डेबल हाउसिंग के इन मकानों का रखरखाव एक बड़ा मुद्दा है जिसके अभाव में लोग बेहद खराब स्थितियों में भी रहने को मजबूर हैं। इनमें बड़ी संख्या अश्वेत, हिस्पैनिक लोगों की है और काफी संख्या में बूढ़े लोग इन घरों में रहते हैं। जिनके पास अपने साधनों से इन घरों के रखरखाव की स्थिति नहीं है। चक्रवाती तूफान और बाढ़ की बढ़ती घटनाएं लोगों की मुश्किलें और बढ़ाती हैं।