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देश में अभी समान नागरिक सहिंता (UCC) को लेकर विवाद चल रहा है। जिसके बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के प्रमुख नेता अखिलेश यादव ने अपना रुख साफ करते हुए कहा कि, गैर बराबरी तभी खत्म होगी, जब जातीय जनगणना हो और आबादी के हिसाब से सभी को हक और सम्मान मिले। उन्होंने भाजपा सरकार से मांग की कि नौकरियों में पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) की हिस्सेदारी को सार्वजनिक किया जाए। समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर अखिलेश ने साफ कहा कि वह इसके विरोध में हैं। इसके बाद फिर अखिलेश यादव ने कहा कि, जातीय जनगणना देश की जरूरत है ताकि वंचितों को बराबरी का दर्जा दिया जा सके। सवाल किया कि जितने रोजगार अभी तक दिए हैं, सरकार बताए कि पीडीए के लोग कितने हैं क्योंकि जब हम सरकार में थे तब खूब लिस्ट जारी होती थी। कई राज्यों में राजनीतिक उठापटक पर बोले कि पहले मध्य प्रदेश भाजपा की प्रयोगशाला थी। अब महाराष्ट्र उससे बड़ी प्रयोगशाला हो गई है। सवाल किया कि मुनाफा किसकी जेब में जा रहा है। उधार लेकर अर्थव्यवस्था संभाली जा रही है।
योगी मोदी का किया घेराव
यूसीसी पर अपना रुख साफ करते हुए अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमला करते हुए कहा कि, डगमगाती सरकार का वीडियो सभी ने देखा है। सुबह चार बजे जागने वालों का योगा देखा आपने। जो काम नही कर सकते तो क्यों करना। केवल अनुलोम विलोम से भी काम चला सकते थे।
अमेरिका से लौटते ही मचाया बवाल
इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने प्रधानमंत्री मोदी पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि, जैसे ही वो अमेरिका से भारत लौटे तो यूसीसी का बवाल उठा दिया। कहा जाता है कि कभी कभी जुबान में सरस्वती बैठ जाती हैं। उनके यहां भारत में सरस्वती नही बैठीं लेकिन अमेरिका में सांसदों के बीच वह इन्वेस्ट की जगह इन्वेस्टिगेट बोल दिया। ओपन बुक परीक्षा को लेकर कहा कि जल्द वो दिन आएगा, जब ओपन बुक परीक्षा देकर सभी अच्छे नंबरों से पास होंगे। मायावती द्वारा यूसीसी के समर्थन पर अखिलेश ने कहा कि वे समान नागरिक संहिता के विरोध में हैं।