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भारत में अभी समान नागरिक संहिता को लेकर लगातार चर्चाएं हो रही है। जिसके बाद बसपा सुप्रीमो मायवाती ने यूनिफार्म सिविल कोड के समर्थन में आ चुकी है। जिसके बाद उन्होने कहा कि, इससे देश कमजोर नहीं बल्कि मजबूत होगा। हालांकि इसे थोपा नहीं जा सकता। इसके बाद उन्होने ये भी कहा कि, बसपा इसके विरुद्ध नहीं है लेकिन भाजपा व इनकी सरकार के लागू करने के तौर तरीके से भी उनकी पार्टी सहमत नहीं है। भाजपा को सलाह है कि, इसमें सभी की धार्मिक परंपराओं व भावनाओं का ख्याल रखा जाए।
देश होगा मजबूत- मायावती
बसपा प्रमुख मायावती ने रविवार को यूसीसी पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, विशाल आबादी वाले भारत में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, पारसी व बौद्ध आदि विभिन्न धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं। इनके हर मामले में रहन-सहन, जीवन-शैली अलग अलग हैं। तौर तरीके व रिवाज अलग अलग हैं। इसे नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है। वहीं दूसरी तरफ यह बात भी सोचने वाली है कि यदि यहां सभी धर्मों के मानने वाले लोगों पर समान कानून लागू होता है तो इससे देश कमजोर नहीं, मजबूत होगा। आपसी सद्भाव भाईचारा बढ़ेगा। संविधान की धारा 44 में समान समान सिविल संहिता बनाने पर प्रयास वर्णित है लेकिन इसे जबरन थोपने का प्रावधान संविधान में नहीं है।