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महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे एक हफ्ते पहले आ चुके हैं, लेकिन मुख्यमंत्री का नाम अभी तक तय नहीं हो पाया है। इस बीच, कार्यवाहक उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शनिवार को कहा कि दिल्ली में एनसीपी नेताओं की बैठक में यह तय हुआ है कि महायुति सरकार बनाएगी, जिसमें मुख्यमंत्री भाजपा से होगा और उपमुख्यमंत्री अन्य दो सहयोगी दलों से होंगे। अजित पवार ने यह भी कहा कि यह पहली बार नहीं है जब सरकार बनने में देरी हो रही है। 1999 में भी सरकार बनने में एक महीने का समय लगा था।
महायुति में बैठकों का दौर
चुनाव नतीजों के बाद सरकार बनाने की प्रक्रिया तेज हो गई। भाजपा, शिवसेना और एनसीपी के बीच बैठकों का दौर शुरू हो गया और मुख्यमंत्री पद को लेकर दबाव की राजनीति भी शुरू हो गई। 24 नवंबर को एनसीपी की बैठक में अजित पवार को नेता चुना गया और पार्टी नेता छगन भुजबल ने अजित पवार को मुख्यमंत्री बनाने की मांग की।
बता दें कि शिवसेना विधायकों ने एकनाथ शिंदे को अपना नेता चुना। 26 नवंबर को महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस्तीफा दे दिया और शिवसेना प्रमुख कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में काम करने लगे।
महाराष्ट्र चुनाव पर एक नजर
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को आए थे। महायुति ने 288 विधानसभा सीटों में से 235 सीटें जीतीं। भाजपा ने सबसे ज्यादा 132 सीटें जीतीं, जबकि शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) ने 57 और एनसीपी (अजित पवार गुट) ने 41 सीटें जीतीं। इसके अलावा महायुति में शामिल छोटे दलों ने भी 5 सीटें जीतीं।