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Russia-Ukraine War: गैर-कानूनी तरीके से भारत में चल रहे रैकेट का भंडाफोड़ तो हो ही गया है लेकिन इसी के साथ भारतीयों को एक खुशखबरी भी मिली है। बता दें कि रूस-यूक्रेन युद्ध में भारत की तरफ से जो नागरिक गए थे, वो लौट आए हैं। कुल 45 भारतीय जो रूसी सेना में थे, को भारत वापस लाया जा चुका है। 50 भारतीयों को लाना अभी भी भारत सरकार की जिम्मेदारी है। आइए इस खबर में हम आपको बताते हैं पूरी जानकारी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल की मॉस्को यात्रा के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आश्वासन दिया था कि रूस में गलत तरीके से भर्ती किए गए सभी भारतीय नागरिकों को युद्ध के मोर्चे से हटाकर मुक्त किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा के बाद अब रूसी सेना में अवैध रूप से भर्ती हुए भारतीयों की रिहाई शुरू हो गई है। रूस ने माना है कि कुछ भारतीय नागरिकों को गुमराह करके सेना में भर्ती किया गया था और उन्हें युद्ध क्षेत्र में भेज दिया गया था।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक नई दिल्ली से तमिलनाडु तक फैले मानव तस्करी के नेटवर्क ने लोगों को आकर्षक नौकरियों आदि का लालच देकर रूस भेजने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और स्थानीय एजेंटों का इस्तेमाल किया। हालांकि रूस पहुंचने के बाद पीड़ितों के पासपोर्ट छीन लिए जाते थे और मोर्चे पर तैनात करने से पहले उन्हें लड़ाकू भूमिकाओं का प्रशिक्षण दिया जाता था। भारत में पुलिस ने इस जॉब रैकेट में शामिल कम से कम चार लोगों को गिरफ्तार किया है।