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Rajnath Singh: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को आगाह किया कि भारत को अब पारंपरिक युद्ध के साथ-साथ नई तरह की जंग के लिए भी तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा कि हाइब्रिड युद्धनीति, साइबर हमले और अंतरिक्ष आधारित जासूसी जैसी तकनीकों से देश की रणनीतिक और आर्थिक स्थिरता को खतरा हो सकता है। रक्षा मंत्री ने कहा, "आज के दुश्मन सिर्फ पारंपरिक हथियारों से नहीं, बल्कि साइबर हमलों, गलत सूचना फैलाने वाले अभियानों और अंतरिक्ष आधारित जासूसी जैसी तकनीकों से भी हमला कर सकते हैं। इन खतरों से निपटने के लिए हमें आधुनिक समाधान अपनाने होंगे।"
आधुनिक तकनीकों से लैस होगी सुरक्षा एजेंसियां
राजनाथ सिंह आंतरिक सुरक्षा और आपदा राहत अभियानों के लिए उन्नत तकनीकों पर आयोजित एक सम्मेलन और प्रदर्शनी में शामिल हुए। यह आयोजन गृह मंत्रालय और डीआरडीओ के सहयोग से किया गया था। इसका उद्देश्य केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) को नई तकनीकों से लैस करना था, ताकि वे उभरते खतरों का प्रभावी रूप से सामना कर सकें।
आंतरिक और बाहरी सुरक्षा में कम हो रहा अंतर
राजनाथ सिंह ने जोर दिया कि आंतरिक और बाहरी सुरक्षा के बीच की रेखाएं अब धुंधली हो रही हैं। उन्होंने कहा, "यह जरूरी है कि हमारी सुरक्षा एजेंसियां आपसी समन्वय बढ़ाएं और सहयोग को प्राथमिकता दें, ताकि एक मजबूत, सुरक्षित और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण किया जा सके।"
नए खतरों से लड़ने की जरूरत
रक्षा मंत्री ने कहा कि आंतरिक सुरक्षा अब सिर्फ आतंकवाद, अलगाववादी आंदोलनों और वामपंथी उग्रवाद तक सीमित नहीं है, बल्कि अब साइबर हमले, डेटा चोरी, सिग्नल जामिंग और जीपीएस स्पूफिंग जैसी चुनौतियां भी सामने आ रही हैं। उन्होंने फरवरी में भी समुद्री सुरक्षा पर उभरते खतरों को लेकर चिंता जताई थी। राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत को अपनी सुरक्षा रणनीति को नए खतरों के अनुसार विकसित करना होगा। उन्होंने बलों को अत्याधुनिक तकनीक अपनाने की सलाह देते हुए कहा कि हमें अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए सतर्क और तैयार रहना होगा।