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Rajasthan Elections: भारत में चुनावी रण के एक अलग मजे है और ऐसा प्रतित हो रहा है कि, ये साल और आने वाला साल देश की राजनीति के लिए बहुत ही व्यस्त होने वाला है। क्योंकि इस वर्ष अभी कई राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने है और अगले साल यानी 2024 में के शुरुआत में लोकसभा के चुनाव होने है। जिसको लेकर सियासत में गर्माहट अभी से देखने को मिल रहा है। सभी राजनीतिक पार्टियां एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने से पिछे नहीं हट रही है और आरोप प्रत्यारोप की राजनीति में बढ़-चढ़ कर भाग ले रहे है।
ये साल विधानसभा के लिए बेमिशाल
जानकारी के लिए बता दें कि, विधानसभा कार्यकाल के अनुसार, साल 2023 में कुल 9 अलग-अलग राज्यों में विधानसभा चुनाव होने थे जिसमें से अब तक सिर्फ चार राज्यों में ही चुनाव हुआ है. त्रिपुरा, मेधालय, नागालेंड और कर्नाटका में विधानसभा चुनाव हो चुके हैं. वहीं मिजोरम, राजस्थान, मध्यप्रदेश, तेलांगना और छत्तीसगढ़ में चुनाव इस साल के अंत तक संभावित हैं.
कर्नाटक के बाद फूक-फूक कर रख रही है कदम
अभी बीेते दिनों में सबसे ज्यादा घमासान कर्नाटक के चुनाव में हुआ, जहां कांग्रेस ने भाजपा को बढ़े अंतर से हराया। जिसके बाद इन पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव आगामी लोकसभा चुनावों के लिए महत्वपूर्ण साबित होने वाले हैं जो चुनावी लड़ाई के मैदान के लिए मंच तैयार करेंगे.
राजस्थान चुनाव सबसे खास, जानिेए इसके महत्वपूर्ण पहलू
बाकिं पांच राज्यों में होने बाले विधानसभा चुनाव को लेकर सबसे ज्यादा गर्माहट राजस्थान में देखने को मिल रही है। अशोक गहलोत की सरकार को पिछे छोड़ना भाजपा के लिए थोड़ा मुश्किल हो सकता है। बात अगर पिछले विधानसभा चुनाव की करें तो, बीजेपी ने पिछले दो विधानसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को सीएम फेस घोषित कर सत्ता हासिल की थी। लेकिन इस बार बीजेपी आलाकमान ने पीएम मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ने की बात कही है। तो वही, सीएम अशोक गहलोत का दावा है कि उनकी सरकार एक बार फिर रिपीट होगी। लेकिन कांग्रेस में आपस की घमासान से ऐसा लग नही रहा कि उनकी सरकार रिपीट होगी।
कांग्रेस का कहना है कि अब पार्टी में कोई मतभेद नहीं है। कांग्रेस के नेता एकजुट होकर चुनाव लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हो चुके हैं। वहीं कांग्रेस का एक ही उद्देश्य है सरकार को रिपीट करवाना। इसी बीच शुक्रवार को कांग्रेस की नवगठित पॉलीटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक भी जयपुर में हुई। इस दौरान विधानसभा चुनाव को लेकर CM अशोक गहलोत का बड़ा बयान आया है। जिसमें उन्होंने विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस के उम्मीदवारों की लिस्ट के जल्द आने के संकेत दिए। इस दौरान उन्होंने 'मिशन 156' का भी जिक्र किया।
आपको बता दें कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है और अशोक गहलोत वहां के मुख्यमंत्री है। जिन्होने पूरे राज्य में कई योजनाओं के तहत जनता को कई लाभ दिए हुए है। कई योजनाएं तो ऐसी है जिन्होने राज्य का पूरा खेल ही बदल दिया।
राजस्थान स्कॉलरशिप योजना
राजस्थान स्कॉलरशिप योजना की शुरुआत राज्य के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग के छात्रों को छात्रवृत्ति से शिक्षा पूरी करने में सहयोग देने के लिए की गई है। इससे सरकार कक्षा 10वीं और 12वीं के बाद छात्रों को निर्धारित धनराशि के रूप में छात्रवृत्ति राशि देगी।
आपकी बेटी योजना
आपकी बेटी योजना की शुरुआत राजस्थान सरकार ने वर्ष 2004-2005 में की गई थी। इससे राज्य में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले बीपीएल वर्ग की बेटियों को उनकी कक्षा 1 से 12वीं तक की शिक्षा पूरी में सरकार से आर्थिक सहायता मिलेगी। कक्षा 1 से 8वीं तक की छात्राओं को सालभर में 2100 रूपये और कक्षा 9वीं से 12वीं की छात्राओं को 2,500 रूपये की सहायता मिलती है।
राजस्थान जन सूचना पोर्टल
राजस्थान जन सूचना पोर्टल को राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत ने 13 सितंबर 2019 में लॉंच किया था। इससे सरकार द्वारा संचालित सभी योजनाओं और सूचनाओं की जानकरी नागरिकों को ऑनलाइन मिलती है।
मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना
राजस्थान के सीएम अशोक गेहलोत ने मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना की शुरुआत 1 मई 2021 में राज्य के जरूरतमंद व कमजोर आय वर्ग नागरिकों को स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं का लाभ देने के लिए की गई है। इससे सरकार राज्य के 1 करोड़ 10 लाख नागरिकों को हर वर्ष 5 लाख रूपये तक का इंश्योरेंस कवर प्रदान करेगी।
वनारायण छात्रा स्कूटी वित्तरण योजना
देवनारायण छात्रा स्कूटी वित्तरण योजना की शुरुआत राजस्थान सरकार ने राज्य की छात्राओं को शिक्षा में प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से की है। राज्य की 12वीं कक्षा में 75% अंकों से उत्तीर्ण छात्राओं को सरकार से मुफ्त स्कूटी मिलेगी। साथ ही योजना में ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट छात्राओं को भी सरकार प्रोत्साहन राशि देगी।
सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना
सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में राज्य सरकार जरूरतमंद और आश्रित लोगों को सुरक्षा का लाभ प्रदान कर आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिमाह पेंशन प्रदान करवाती है। यह लाभ राज्य के सभी वर्ग (सामान्य, एससी, एसटी, ओबीसी और असहाय नागरिकों) से संबंधित वृद्धा, विधवा, तालाकशुदा, निराश्रित, विकलांग आदि को मिलता है।
भामाशाह कार्ड योजना
राजस्थान सरकार ने राज्य की महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए भामाशाह कार्ड योजना की शुरुआत की गई है। इससे परिवार की महिलाओं को परिवार का मुखिया बनाकर सरकारी योजनाओं के वित्तीय व गैर-वित्तीय लाभ पारदर्शी तरीके से मिलेंगे।
मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना
राजस्थान सरकार ने मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना की शुरुआत 24 फरवरी 2021 में की थी। इसमें राज्य के किसानों और खेती मजदूरों की दुर्घटना में मृत्यु होने या विकलांगता होने पर उन्हें नुकसान की भरपाई के लिए 5 हजार रूपये से 2 लाख रूपये तक की वित्तीय सहायता मिलेगी।
हैसियत प्रमाण पत्र
हैसियत प्रमाण पत्र एक तरह का सरकारी दस्तावेज है जिसे सॉल्वेंसी सर्टिफिकेट, संपत्ति प्रमाण पत्र के नाम से भी जानते है। यह वार्षिक और महीने की सैलरी के अनुसार बनाया जाता है। इसका अनुमान अपनी आय से लगा सकेंगे यानी इस प्रमाण पत्र को पूरी आय, संपत्ति से जोड़ा जाता है जिसकी पूरी जानकारी राज्य सरकार को देना होता है।
इंदिरा गाँधी मातृत्व पोषण योजना
राज्य की गर्भवती महिलाओं को लाभान्वित करने के लिए राज्य सरकार ने 19 नवंबर 2020 में इंदिरा गाँधी मातृत्व पोषण योजना शुरु की थी। इससे सरकार राज्य की गर्भवती महिला और बच्चे को उचित भरण-पोषण प्रदान करेगी। इससे माँ और बच्चे दोनों को ही किसी तरह पोषण आहार की कमी न पड़े और दोनों ही शारीरिक तौर पर स्वास्थ रहें। सीएम अशोक गहलोत के द्वारा दी गई योजनाएं और भी है, जिनसे पूरे राज्य में बदलाव हुआ है।
लेकिन बीजेपी ने इस बार कोई कसर नही छोड़ी। राज्य में इस बार पीएम मोदी भी आठ से मौ बार दौरा कर चुके है। इसी तहर अपनी पार्टी को और मजबूत करने के लिए बीजेपी के बड़े-बड़े नेता और मंत्री भी राजस्थान का दौरा कर चुके है। बीजेपी अपने दौरे के दौरान हर बार सत्ताधारी पार्टी पर निशाना साधती है। इन दोनो ही पार्टियों में ऐसा टक्कर है कि कहना मुश्किल है कि इस बार राजस्थान के विधानसभआ चुनाव में कौन जितेगा।
राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव रोचक होगा। ऐसा प्रदेश चुनाव को लेकर किए गए सर्वे में भी सामने आया है। प्रदेश चुनाव को लेकर एबीपी और सी वोटर्स की ओर से सर्वे किया गया है। इस सर्वे में विधानसभा चुनाव में दोनों प्रमुख पार्टी बीजेपी- कांग्रेस को मिलने वाली सीटों का अनुमान लगाया गया है। सर्वे के अनुसार प्रदेश की कुल 200 सीटों में से 119 सीटों के जरिए बीजेपी राजस्थान में विजय पताका लहरा सकती है। वहीं कांग्रेस के खाते में 88 सीट आने का अनुमान लगाया जा रहा है।इस सर्वे में राजस्थान से पांच संभागों का अलग अलग विश्लेषण किया है। सर्वे में सामने आया है कि बीजेपी का गढ़ कहे जाने वाले हाड़ौती संभाग में बीजेपी बढ़त बनाए हुए हैं। सर्वे के अनुसार 9-13 सीटों की बढ़त मिल रही है। वहीं 4 से आठ सीटें कांग्रेस के खाते में जाती नजर आ रही है। वहीं शेखावाटी रीजन में कांग्रेस मजबूत स्थिति में दिखाई दे रही है। राजस्थान के शेखावाटी रीजन में कांग्रेस को बढ़त मिलती दिखाई दे रही है। यहां कांग्रेस को 45 परसेंट वोट शेयर मिल रहा है। वहीं बीजेपी को यहां 43 परसेंट शेयर मिल रहा है। हालांकि यहां अन्य को भी अच्छा वोट शेयर मिल रहा है। यह अन्य को 12 परसेंट वोट शेयर मिलता नजर आ रहा है।