Share this link via
Or copy link
Rajasthan Assembly Election: राजस्थान में विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही समय शेष रह गया है। लेकिन सियासत में गर्माहट तो पिछले एक साल से देखने को मिली है और हो भी क्यों ना 200 विधानसभा सीट को लेकर दोनों पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत जो लगा दी है। लेकिन इन सबके बीच राजस्थान में घमासान की बात करें तो 200 में कुल 119 ऐसी सीटें है जिसको लेकर दोनों पार्टियों में मामला फंसा हुआ है। पिछले चुनावी आकड़े देख तो प्रदेश में 60 सीट ऐसी हैं जिन पर हमेशा भाजपा का कब्जा रहता है तो 21 सीटों पर कांग्रेस जीतती आई है। लेकिन प्रदेश की 119 सीटें ऐसी हैं जिनको जीतने के लिए दोनों ही पार्टियां राजनीति का हर दांव-पेच खेलती रही हैं। वहीं खास बात ये है कि, यहीं 119 सीट है जो कि, राजस्थान का सियासत निर्धारित करती है।
कांग्रेस का इन सीटों पर बोल-बाला
राजस्थान चुनाव की बात करें तो यहां कुछ भी सदैव नहीं रहता। लेकिन पिछले चुनावों के आकड़ों के आधार पर अगर अंदाजा लगाया जाएं तो 5 बार जोधपुर की सरदारपुरा सीट से कांग्रेस को जीत मिली। जबकि बाड़ी सीट पर 3 बार कांग्रेस जीती। 3 बार झुंझुनू में बागीदौरा, सपोटरा, बाड़मेर, गुढ़ामालानी, फतेहपुर में कांग्रेस ने जीत दर्ज कराई। साथ ही डीग कुमेर, सांचौर, बड़ी सादड़ी, चित्तौड़गढ़, कोटपूतली, सरदारशहर सहित 13 सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली है।
भाजपा का गढ़ है
इसी आधार पर बात अगर भाजपा की करें तो भाजपा को 5 बार पाली में जीत मिली है। जबकि 4 बार उदयपुर, लाडपुरा, रामगंज मंडी, सोजत, झालरापाटन, खानपुर, भीलवाड़ा, ब्यावर, फुलेरा, सांगानेर, रेवदर, राजसमंद, नागौर में जीत दर्ज की। इसके साथ ही कोटा साउथ, बूंदी, सूरसागर, भीनमाल, अजमेर नॉर्थ, अजमेर साउथ, मालवीय नगर, रतनगढ़, विद्याधर नगर, बीकानेर ईस्ट, सिवाना, अलवर सिटी, आसींद में 3 बार बीजेपी ने जीत दर्ज कराई। वहीं 33 ऐसी सीटे है जिसपर 2 बार भाजपा को जीत मिली है।
कांग्रेस की राह मुश्किल करेगी ये सीटें
वहीं बात अगर कांग्रेस के लिए मुश्किल सीटों की करें तो उदयपुर में 25 साल से कांग्रेस को लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है। पिछले 51 साल में 11 विधानसभा चुनाव हुए लेकिन कांग्रेस सिर्फ 1985 और 1998 में जीती थी। जिसके बाद बस्ती में कांग्रेस 1985 में अंतिम बार जीती थी, 38 साल में कांग्रेस को कभी सफलता नहीं मिली। पिछले तीन चुनाव लगातार निर्दलीय ने बस्ती सीट से जीते हैं। वहीं सांगानेर सीट से 1998 के चुनाव में कांग्रेस से आखरी बार इंदिरा मायाराम जीती थीं, उसके बाद कांग्रेस यहां कभी नहीं जीत पाई।
भाजपा के लिए ये सीट मुश्किल
इसी आधार पर फतेहपुर में 1993 के चुनाव में आखिरी बार भंवरलाल ने जीत हासिल की थी उसके बाद आज तक भाजपा कभी नहीं जीत पाई। जिसके बाद कोटपूतली में 1998 के चुनाव में बीजेपी के रघुवीर सिंह जीते थे, उसके बाद भाजपा की इस सीट पर कभी वापसी नहीं हुई।