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राष्ट्रीय

News by Neha   29 Jan, 2025 17:33 PM

Project ABHAY: सेंटर फॉर रूरल डेवलपमेन्ट एण्ड टेक्नोलॉजी (सीआरटीडी), आईआईटी दिल्ली की पहल प्रोजेक्ट अभय ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा समर्थित फोरसाईट फाउन्डेशन के सहयोग से भारत के ट्रक चालकों के लिए स्वास्थ्य, दृष्टि एवं सुरक्षा को बढ़ावा देने में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। आईआईटी दिल्ली में आयोजित समापन समारोह के दौरान प्रोफेसर विवेक कुमार, सीआरडीटी, आईआईटी दिल्ली द्वारा परिणामों की घोषणा की गई, इस पर माननीय केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गड़करी और आईआईटी दिल्ली के डायरेक्टर प्रोफेसर रंगन बैनर्जी भी मौजूद रहे। 

ट्रक ड्राइवरों के जीवन में सुधार लाना है उद्देश्य - नितिन गडकरी 

मार्च 2024 में लॉन्च किए गए प्रोजेक्ट अभय के तहत उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु में 50,000 ट्रक चालकों के स्वास्थ्य और आंखों की सफलतापूर्वक जांच की गई। इस अवसर पर केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा, ‘‘प्रोजेक्ट अभय न सिर्फ सड़क सुरक्षा में बल्कि ड्राइवरों के जीवन में भी सुधार लाए हैं। हम ट्रक चालकों के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो अक्सर आर्थिक एवं सामाजिक रूप से पिछड़े समुदायों से आते हैं। ऐसा करना भारत के डोमेस्टिक हैप्पीनैस इंडेक्स को बढ़ाने के लिए भी ज़रूरी है। 

'तकनीक से कम होंगी दुर्घटनाएं' 

उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा, हर साल 5 लाख दुर्घटनाओं और 1.80 लाख मौतों के आंकड़ों को देखते हुए आधुनिक तकनीकों जैसे ऑटोमेटिक एमरजेन्सी ब्रेकिंग, इलेक्ट्रोनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल पर ध्यान देना ज़रूरी है। साथ ही कम उम्र से व्यवहार प्रशिक्षण को भी प्राथमिकता देनी चाहिए। इन सब प्रयासों को अपना कर सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को कम किया जा सकता है। आईआईटी रीसर्च के सहयोग से हम लागत को कम करने तथा सेक्टर की दक्षता में सुधार लाने के लिए आधुनिक समाधानों पर काम कर रहे हैं। इन प्रयासों तथा प्रोजेक्ट अभय जैसी पहलों के माध्यम से हम सुरक्षित सड़कों तथा अधिक प्रभावी एवं एक समान लॉजिस्टिक्स सिस्टम की नींव तैयार कर रहे हैं।

प्रोजेक्ट अभय ने की 50 हजार ड्राइवरों की मदद 

रिपोर्ट के अनुसार 55.1 फीसदी ट्रक चालकों की आंखें कमज़ोर हैं,  53.3 फीसदी चालकों को दूर की नज़र के लिए और 46.7 फीसदी चालकों को पास की नज़र के लिए चश्मे की ज़रूरत है। इस पहल के तहत अभय हेल्थ कैम्पों में साईट पर ही 93.7 फीसदी चालकों को चश्मे उपलब्ध कराए गए हैं। 

इस पहल के तहत आंखों की देखभाल के दायरे से बढ़कर भी ट्रक चालकों के स्वास्थ्य की जांच की गई। 44.3 फीसदी चालकों का बीएमआई बॉर्डरलाईन पर या इससे अधिक पाया गया, 57.4 फीसदी चालकों का ब्लड प्रेशर सामान्य से अधिक था और 33.9 फीसदी चालकों में मध्यम तनाव पाया गया। इन प्रयासों से सामाजिक सुरक्षा का कवरेज 51.5 फीसदी से बढ़कर 86.16 फीसदी हो गया है, जिससे 62,700 सदस्यों को कुल रु 502 करोड़ का फायदा मिला है। 

आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण 

अभय ऐप ने रियल टाईम डेटा कलेक्शन, कैम्प के सुगम संचालन और पारदर्शिता को सुनिश्चित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। लाईव डैशबोर्ड्स के ज़रिए तुरंत सुधार के उपाय सुनिश्चित किए गए है। यह बदलावकारी पहल, टेक्नोलॉजी, सामाजिक प्रभाव, वैलनैस और व्यवहारिक प्रशिक्षण के संयोजन द्वारा भारत के ट्रक चालकों को सशक्त बनाएगी, जो 2047 के लिए देश के आर्थिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने में मुख्य भूमिका निभा रहा है।   

 

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