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बिहार में राजनीति की गर्मी तेज होती जा रही है और इस बार चुनाव से पहले प्रशांत किशोर (पीके) ने सारण से बड़ा बयान देकर सियासी हलचल मचा दी है। उन्होंने कहा है कि इस बार बिहार में हर हाल में नीतीश कुमार का जाना तय है।" पीके ने यह भी दावा किया कि जन सुराज की नई व्यवस्था आ रही है और भ्रष्टाचारियों का अब अंतिम समय आ चुका है।
शिक्षा पर चिंता: गरीबों के लिए मुफ्त प्राइवेट स्कूल की शिक्षा
प्रशांत किशोर ने राज्य की बदहाल शिक्षा व्यवस्था पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि बिहार की पिछली दो पीढ़ियों के बच्चे खराब सरकारी शिक्षा व्यवस्था के शिकार हुए हैं। उन्होंने दावा किया कि ढाई लाख बच्चे स्कूल छोड़ने को मजबूर हुए हैं, जो चिंता का विषय है। पीके ने वादा किया कि जन सुराज के तहत गरीब बच्चों को मुफ्त में प्राइवेट स्कूल की गुणवत्ता वाली शिक्षा दी जाएगी, ताकि वे भी बराबरी से आगे बढ़ सकें।
लालटेन और जुमलों से आगे बढ़ेगा बिहार
राजनीतिक दलों पर तंज कसते हुए पीके ने कहा, "अब बिहार का युवा न लालटेन का किरासन तेल बनना चाहता है, न ही झूठे वादों में जीना चाहता है।" उन्होंने लालू यादव और नीतीश कुमार के लंबे शासन को असफल बताते हुए कहा कि "अब राज्य को नई सोच और नए नेतृत्व की जरूरत है।"
उन्होंने यह भी कहा कि "राहुल गांधी आएं या नरेंद्र मोदी, बिहार की असली तस्वीर नहीं बदली है। पीके का मानना है कि जब तक राज्य में ज़मीनी स्तर पर बदलाव नहीं होता, कोई भी बड़ा चेहरा जनता की असल समस्याओं को नहीं सुलझा सकता।
जन सुराज: बदलाव की नई उम्मीद
प्रशांत किशोर ने अपने जन सुराज अभियान को बिहार की नई राजनीतिक ताकत बताया और कहा कि यह सिर्फ एक पार्टी नहीं, बल्कि जनता के लिए एक नई सोच और व्यवस्था लाने वाला आंदोलन है। पीके का दावा है कि जन सुराज भ्रष्टाचार, खराब शिक्षा, बेरोजगारी और राजनीतिक दलों की विफलताओं के खिलाफ जनता की आवाज़ बनेगा।