Share this link via
Or copy link
Hindus population in Pakistan: भारत के लिए कल गर्व का दिन है, सैकडों वर्ष के बाद हमारे देश को आजादी मिली थी जिसके लिए उन्होंने कितना संघर्ष किया, इससे तो आप परिचित ही होंगे। साथ ही आप ये भी जानते होंगे कि पाकिस्तान हमसे एक दिन पहले आजाद हो गया था। आज पूरा पाकिस्तान अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। आज हम आपको एक ऐसे तथ्य की ओर लेकर जा रहे हैं जिससे शायद ही आप रूबरू होंगे। पाकिस्तान जब आजाद हुआ था तो वहां 20 फीसदी हिंदुओं की आबादी थी लेकिन आज हिंदुओं की क्या दशा है वो सभी को दिखती है। लेकिन क्या ऐसा संभव है कि इतनी बड़ी आबादी एकदम से अल्पसंख्यक हो गई हो, और वहां दम घोट कर रह रही हो? नहीं! तो आइए इस खबर में हम आपको इसी तथ्य की ओर लेकर जाएंगे कि पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी कैसे कम हो गई।
हम यकीनन तौर पर कह सकते हैं कि पाकिस्तान में हिंदुओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है और ऐसा आज से नहीं बल्कि उसी दिन से है जब से आक्रोशी पाकिस्तानयों के अंदर हिंदुओं के प्रति नफरत पैदा हुई थी और हैरान करने वाली बात ये है कि आज भी ये नफरत हिंदू समुदाय के लिए उसी कदर है। बता दें कि आजादी के दो दशकों के भीतर ही पड़ोसी मुल्क में हिंदुओं की संख्या 20 प्रतिशत से घटकर 1.6 प्रतिशत हो गई और अब इससे भी कम। जानकारी के लिए बता दें कि ये जनगणना के आधार पर बताया जा रहा है। संख्या में कटौती होने का सबसे बड़ा कारण है धर्मांतरण। पाकिस्तानी मुस्लिमों ने धर्म परिवर्तन को ही एकलौता रास्ता माना। धर्म सर्वोपरि होता है लेकिन अगर कोई धर्म परिवर्तन कर रहा है तो उसके पीछे की बहुत वजह थी।
हिंदुओं को मारा-पीटा गया, उनसे उनके घर छीनकर उ पर दबदबा जमाने की कोशिश की गई जिससे उनका हाल बेहाल हो चुका था। न्यूयार्क टाइम्स के साथ बातचीत में पूर्व पाकिस्तानी सांसद फराहनाज इस्पहानी ने कुछ ऐसे खुलासे किए जिससे पाकिस्तान के मुस्लिमों की क्रूरता का अंदाजा लगाना और आसान हो गया। 2010 में पाकिस्तान में भयंकर बाढ़ का प्रकोप देखने को मिला था और ऐसे में जिन हिंदुओं ने धर्म परिवर्तन करने से इनकार कर दिया, उनकी मदद के लिए भी लोग नहीं आए। मुस्लिमों के मुकाबले हिंदुओं की कम सहायता की गई। अब आप समझिए कि जो देश हाल के वर्षों में ऐसी हैवानियत दिखाने का जज़्बा रखता हो उसने पहले क्या नहीं किया होगा। पाकिस्तान से हिंदू कम नहीं हुए थे। जबरदस्ती धर्मांतरण कराया गया, महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया, भूखे-मरने की हालत पर छोड़ दिया, घरों को तोड़ा। हिंदू हमेशा इस भेदभाव के नीचे दबते रहे हैं।