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Vikram Misri: पहलगाम में हुए हालिया आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच उत्पन्न सैन्य तनाव को लेकर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सोमवार को संसद की स्थायी समिति को अहम जानकारी दी। शशि थरूर की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रमुख सांसदों ने हिस्सा लिया, जिनमें तृणमूल कांग्रेस के अभिषेक बनर्जी, कांग्रेस के राजीव शुक्ला और दीपेंद्र हुड्डा, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी एवं अरुण गोविल शामिल थे।
पूरी दुनिया पाकिस्तान को जानती है
विदेश सचिव ने समिति को अवगत कराया कि पहलगाम हमले की जांच से यह स्पष्ट हुआ है कि आतंकवादियों का संपर्क पाकिस्तान में मौजूद एक मास्टरमाइंड से था। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा वांछित आतंकवादी पाकिस्तान में न केवल खुलेआम घूम रहे हैं, बल्कि भारत के खिलाफ हिंसा भड़काने में भी सक्रिय हैं। उन्होंने कहा, "दुनिया पाकिस्तान के आतंकवाद को पनाह देने के इतिहास को भलीभांति जानती है और यह रिकॉर्ड ठोस साक्ष्यों पर आधारित है।"
मिस्री ने बताया कि पाकिस्तान में आतंकी संगठनों, सैन्य खुफिया एजेंसियों और नागरिक प्रशासन के बीच गहरा और चिंताजनक गठजोड़ है, जो भारत के खिलाफ सीमा-पार आतंकवाद को बढ़ावा देने में प्रमुख भूमिका निभा रहा है। भारत लगातार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खतरों को उजागर कर रहा है।
पाकिस्तान को नहीं थी भारत की कार्रवाई की खबर
सैन्य कार्रवाई को लेकर विदेश सचिव ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान को आतंकियों के खिलाफ की गई सैन्य कार्रवाई की कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई थी। उन्होंने बताया कि आतंकियों के ठिकानों पर सटीक सैन्य हमला करने के बाद ही पाकिस्तान को सूचित किया गया, और यह स्पष्ट किया गया कि भारत की कार्रवाई किसी देश के खिलाफ नहीं, बल्कि आतंकवादियों के खिलाफ थी।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष द्वारा विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बयान को लेकर उठाए गए सवालों पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश सचिव ने कहा कि मंत्री के बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है और उसमें कोई सच्चाई नहीं है कि सैन्य कार्रवाई की पूर्व जानकारी पाकिस्तान को दी गई थी।