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One Nation One Election: एक देश, एक चुनाव के लिए 129वां संविधान (संशोधन) विधेयक मंगलवार को लोकसभा में पेश किया गया। विधेयक के लिए पहले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग कराई गई। कुछ सांसदों की आपत्ति के बाद वोट को संशोधित करने के लिए दोबारा पर्चियों के जरिए वोटिंग कराई गई। विधेयक पेश करने के पक्ष में 269 और विरोध में 198 वोट पड़े। इसके बाद केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इसे सदन में पेश किया।
अमित शाह ने सदन में कहा कि जब यह विधेयक कैबिनेट के पास आया था, तब प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजा जाना चाहिए। कानून मंत्री ऐसा प्रस्ताव दे सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आज लोकसभा में एक देश-एक चुनाव विधेयक पेश करते समय भाजपा पार्टी के अनुपस्थित 20 सांसदों को नोटिस भेजेगी। पार्टी ने सदन में उनकी उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए तीन लाइन का व्हिप जारी किया है।
दो तिहाई बहुमत जरूरी
लोकसभा की 543 सीटों में से एनडीए के पास फिलहाल 292 सीटें हैं। दो तिहाई बहुमत के लिए 362 का आंकड़ा चाहिए। वहीं, राज्यसभा की 245 सीटों में से एनडीए के पास 112 सीटें हैं, जबकि उसे 6 मनोनीत सांसदों का भी समर्थन हासिल है। जबकि विपक्ष के पास 85 सीटें हैं। दो तिहाई बहुमत के लिए 164 सीटों की जरूरत है। सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार अब बिल पर आम सहमति बनाना चाहती है। सरकार इसे विस्तृत चर्चा के लिए संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी के पास भेज सकती है।
15 दलों ने किया विरोध
'एक देश, एक चुनाव' पर गठित रामनाथ कोविंद समिति को 47 राजनीतिक दलों ने अपनी राय दी थी। इनमें से 32 दलों ने इसका समर्थन किया और 15 दलों ने इसका विरोध किया। विरोधी दलों के पास 205 लोकसभा सांसद हैं। यानी भारत गठबंधन के समर्थन के बिना संविधान संशोधन विधेयक पारित होना मुश्किल है। आज भी कांग्रेस, सपा, टीएमसी और उद्धव गुट की शिवसेना समेत विपक्ष की कई पार्टियों ने इस विधेयक का मुखर्जी रूप से विरोध किया।