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पटना: वन कैंडिडेट वन रिजल्ट की मांग बीपीएससी TRE 3 के शिक्षक अभ्यर्थियों की मुख्य जरूरत बन चुकी है। जिसको लेकर आज यानी 12 अगस्त को छात्र बिहार की राजधानी पटना में जमा होकर सरकार के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन इसके फलस्वरूप एक बार फिर बिहार पुलिस ने अभ्यार्थियों पर लाठीचार्ज कर उनको भगाने का प्रयास किया। जिसमें कई छात्रों को गंभीर रूप से चोट आई है।
बिहार में बीपीएससी TRE 3 के शिक्षक अभ्यर्थियों ने वन कैंडिडेट वन रिजल्ट की मांग को लेकर सोमवार को पटना में प्रदर्शन किया। सड़क पर उतरे अभ्यर्थियों पर पुलिस बल पूर्वक नियंत्रण करने का प्रयास करने लगी, जिसको लेकर पुलिस ने अभ्यार्थियों पर लाठीचार्ज कर दिया, जिसमें कई प्रदर्शनकारी घायल हो गए। बात यहीं तक नहीं रूकी प्रदर्शन में अभ्यार्थियों का नेतृत्व कर रहे दिलीप कुमार को पुलिस ने हिरासत में ले लिया, जिससे प्रदर्शनकारी और भड़क गए, और बिहार सरकार और बिहार पुलिस के विरोध में हंगामा करने लगे।
अब आपके मन में एक सवाल उठ रहा होगा कि वन कैंडिडेट वन रिजल्ट की मांग छात्रों की सही है या गलत। चलिए अब हम आपको विस्तार रूप से बताते है। पहले ये समझिए की छात्र वन कैंडिडेट वन रिजल्ट की मांग कर क्यों रहे है। जानकारी के लिए बता दें कि बीपीएससी द्वारा शिक्षक भर्ती की परीक्षा टीआरई 1 और टीआरई 2 में मल्टिपल रिजल्ट जारी किया गया था। इससे एक अभ्यर्थी के विभिन्न श्रेणी में कई रिजल्ट आ गए। जिसके बाद इन लोगों ने किसी एक जगह योगदान किया जिससे बड़ी संख्या में रिक्तियां रह गईं।
वहीं दूसरी ओर हजारों अभ्यर्थियों का रिजल्ट नहीं निकला और उन्हें नौकरी का मौका नहीं मिला। जिसको लेकर TRE 3 की परीक्षा देकर रिजल्ट का इंतजार कर रहे छात्रों ने वन कैंडिडेट वन रिजल्ट की मांग को बढ़ाई, ताकी अब पदों पर रिक्तियां ना रहे और उनका हक उन्हें मिल सके।