Share this link via
Or copy link
Mount Everest: आपने अब तक केवल अपनी सामान्य ज्ञान की किताबों में दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट एवरेस्ट के बारे पढ़ा होगा। इस प्राकृतिक संरचना को नेपाल में सागरमाथा कहा जाता है। क्या आपको पता है कि यह हर वर्ष कुछ मिलीमीटर ऊंचा हो रहा है। क्या यह अनंत तक यों ही बढ़ता जाएगा?
माउंट एवरेस्ट को तिब्बती में चोमोलुंगमा और नेपाली में सागरमाथा कहा जाता है। यह भूगर्भीय चमत्कार है, जो आश्चर्यजनक रूप से ऊंचा है और समुद्र तट से 29,032 फुट ऊंची चोटी के कारण दुनिया का सबसे ऊंचा पहाड़ माना जाता है। हाल ही में नेचर जियोसाइंस पत्रिका में एक नदी को इसकी वजह बताया गया है।
दरअसल, इसमें अरुण नदी की भूमिका है। अरुण घुमावदार मार्ग अपना कर उत्तरी हिमालय के साथ चलते हुए अचानक मुड़ जाती है और एवरेस्ट के पास एक रिज को काट देती है। इससे पता चलता है कि नदी के ऊपरी और निचले हिस्से हमेशा एकीकृत नहीं थे।
अध्ययन से पता चला कि लगभग 89,000 साल पहले कोसी नदी का एक नेटवर्क हिमालय में पीछे की ओर कटाव करता हुआ अरुण तक पहुंचा और उसमें विलीन हो गया। उथल-पुथल भरे मेंटल समुद्र ने पतली परत को आसमान की ओर धकेल दिया, जिससे कई चोटियां ऊपर उठ गईं और एवरेस्ट की ऊंचाई 165 फुट तक बढ़ गई। तभी से यह पर्वत हर साल बढ़ रहा है। लेकिन भूविज्ञान के अनुसार यह हमेशा ऐसे ही जारी नहीं रहेगा। संतुलन जब दूसरी ओर झुकेगा, तब इसकी ऊंचाई कम भी हो सकती है, जैसा सभी पर्वत शृंखलाओं में होता है। यह वैसा ही है, मानो पृथ्वी सांस ले रही हो।