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Manoj Muntashir: सुपरस्टार प्रभास की फिल्म 'आदिपुरुष' के डायलॉग राइटर मनोज मुंतशिर शुक्ला ने शनिवार सुबह सोशल मीडिया पर बिना शर्त माफी मांग ली। उन्होंने एक ट्वीट करके कहा, 'मैं स्वीकार करता हूं कि फिल्म 'आदिपुरुष' से जन भावनाएं आहत हुईं हैं। अपने सभी भाइयों-बहनों, बड़ों, पूज्य साधु-संतों और श्री राम के भक्तों से, मैं हाथ जोड़ कर, बिना शर्त क्षमा मांगता हूं। भगवान बजरंग बली हम सब पर कृपा करें। हमें एक और अटूट रहकर अपने पवित्र सनातन और महान देश की सेवा करने की शक्ति दें!' हालांकि सोशल मीडिया पर लोग मनोज को इतनी आसानी से माफ करने के मूड में नहीं हैं। मनोज के ट्वीट के जवाब में लोग उनके पुराने ट्वीट के स्क्रीनशॉट लगा रहे हैं, जिनमें उन्होंने सफाई दी थी। वहीं कुछ लोगों का यह भी कहना है कि अब जब फिल्म सिनेमाघरों से उतर गई, तब माफी मांगकर मनोज को कोई फायदा नहीं होने वाला। बेहतर होता कि वह फिल्म की रिलीज के तुरंत बाद माफी मांग लेते।
क्यों बदल गए मनोज के सुर?
जब हमने जानकारों मनोज के अपनी फिल्म के रिलीज के करीब तीन हफ्तों के बाद अचानक माफी मांगने की वजह जाननी चाही? तो इसके जवाब में उन्होंने बताया कि फिल्म केसरी के तेरी मिट्टी गाने के बाद से मनोज काफी पॉपुलर हो गए हैं। खासकर उन्हें अपनी राष्ट्रवादी छवि के चलते काफी चर्चा मिल रही थी और उनके पास काम की भी लाइन लगी हुई थी। यही नहीं, फिल्मी दुनिया से लेकर सरकारी कार्यक्रमों तक में उनकी पूछ काफी बढ़ गई थी। लेकिन आदिपुरुष को लेकर हुए विवाद के बाद से अब हर कोई उनसे कन्नी काट रहा था।
कोर्ट तक पहुंचा मामला
इसके अलावा 'आदिपुरुष' के जरिए आस्था को चोट पहुंचाने का मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया है। पिछले दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में कड़ी टिप्पणी की थी। इसलिए शुरुआत में महज सफाई देकर चुप्पी साधने वाले मनोज ने फिलहाल बिना शर्त माफी मांग को मामले को खत्म करने की कोशिश की है। हालांकि वह इसमें कितना कामयाब हो पाते हैं यह देखने वाली बात होगी।
बुरी तरह फ्लॉप हुई फिल्म
फिल्म 'आदिपुरुष' अपनी रिलीज के साथ ही विवादों में आ गई थी। दर्शकों ने खासकर फिल्म के डायलॉग्स को लेकर विशेष आपत्ति जताई थी। तब डायलॉग राइटर मनोज शुक्ला ने सफाई देते हुए कहा कि दादी नानियां हमेशा से इसी भाषा में रामायण की कथा सुनाती आई हैं। उन्होंने फिल्म में उसी भाषा का इस्तेमाल किया है। एक बयान में उन्होंने यहां तक कह दिया कि हनुमान जी भगवान नहीं थे। उन्हें भगवान हमने बनाया है। बेशक इन सब बयानों से दर्शकों की नाराजगी बढ़ गई, जिसका नुकसान फिल्म को उठाना पड़ा। हालांकि निर्माताओं ने डैमेज कंट्रोल के लिए न सिर्फ फिल्म के डायलॉग बदल दिए, बल्कि पहले हफ्ते ही इसके टिकट रेट महज 150 रुपए कर दिए। लेकिन दर्शकों ने इस फिल्म को सिरे से नकार दिया। यही वजह रही कि करीब 500 करोड़ से ज्यादा के बजट में बनी यह फिल्म दुनियाभर में 500 करोड़ का कलैक्शन करने में नाकाम रही। वहीं हिंदी में इसने करीब 135 करोड़ की कमाई की