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राष्ट्रीय

News by Neha   30 Dec, 2024 23:26 PM

ISRO SpaDex Launching: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट (स्पेडेक्स) को सोमवार (30 दिसंबर, 2024) को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से पीएसएलवी रॉकेट के जरिए सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया।

पीएसएलवी द्वारा लॉन्च किया गया इसरो का स्पैडेक्स मिशन अंतरिक्ष में डॉकिंग का प्रदर्शन करने के लिए एक लागत प्रभावी प्रौद्योगिकी प्रदर्शन मिशन है। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी (इसरो) के अनुसार, स्पैडेक्स मिशन का प्राथमिक उद्देश्य पृथ्वी की निचली गोलाकार कक्षा में दो छोटे अंतरिक्ष यान (एसडीएक्स01 और एसडीएक्स02) के मिलन, डॉकिंग और अनडॉकिंग के लिए आवश्यक तकनीक विकसित करना और उसका प्रदर्शन करना है।

चंद्रयान-4 जैसे मिशन में मिलेगी मदद

इसरो ने कहा कि यह भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। एक बयान में कहा गया, "अपने छोटे आकार और द्रव्यमान के कारण, स्पैडेक्स और भी अधिक चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि मिलन और डॉकिंग युद्धाभ्यास के लिए दो बड़े अंतरिक्ष यान को डॉक करने की तुलना में अधिक सूक्ष्म परिशुद्धता की आवश्यकता होती है। यह मिशन भविष्य के चंद्र मिशन जैसे चंद्रयान-4 के लिए पृथ्वी से जीएनएसएस समर्थन के बिना आवश्यक स्वायत्त डॉकिंग का अग्रदूत होगा।" 

अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा, "स्पैडेक्स ऑर्बिटल डॉकिंग में भारत की क्षमता स्थापित करने के लिए एक महत्वाकांक्षी मिशन है, जो भविष्य के मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन और उपग्रह सेवा मिशनों के लिए एक महत्वपूर्ण तकनीक है।" पहले इसका लॉन्च 30 दिसंबर, 2024 को रात 9:58 बजे निर्धारित किया गया था, लेकिन बाद में इसरो के अधिकारियों ने इसे रात 10 बजे तक के लिए टाल दिया। हालांकि, लॉन्च के पीछे कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई। 

इन देशों की सूची में शामिल हुआ भारत 

अंतरिक्ष में 'डॉकिंग' के लिए यह एक किफायती प्रौद्योगिकी प्रदर्शन मिशन है। इसके साथ ही भारत चीन, रूस और अमेरिका जैसी खास सूची में शामिल हो गया है। 'स्पेस डॉकिंग' तकनीक से तात्पर्य अंतरिक्ष में दो अंतरिक्ष यान को जोड़ने की तकनीक से है। यह एक ऐसी तकनीक है जिसकी मदद से मनुष्य को एक अंतरिक्ष यान से दूसरे अंतरिक्ष यान में भेजना संभव है।

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