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राष्ट्रीय

News by Neha   14 May, 2025 21:20 PM

Indus Water Treaty : भारत से हारने के बाद अब पाकिस्तान की अक्ल ठिकाने आ गई है। पाकिस्तान को समझ आने लगा है कि वो भारत के किसी भी प्रहार से बच नहीं सकता। भारत सीमा पर उन्हें हराया ही, बल्कि सिंधु जल संधि को रद्द करके भी पाकिस्तान को एक बड़ी चोट दी है। पाकिस्तान एक बार फिर सिंधु जल संधि को लेकर भारत के सामने गिड़गिड़ाता नजर आ रहा है। हाल ही में भारतीय सेना के हाथों बड़ी हार का सामना करने के बाद पाकिस्तान की सरकार ने भारत के जल शक्ति मंत्रालय को पत्र लिखकर संधि को स्थगित करने के फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है।

पाकिस्तान की फैसले सूख रही 

पाकिस्तान के जल संसाधन सचिव सय्यद अली मुर्तज़ा द्वारा भेजे गए पत्र में कहा गया है कि संधि के निलंबन के चलते पाकिस्तान में खरीफ की फसल के लिए गंभीर जल संकट उत्पन्न हो गया है। हालांकि, भारत की ओर से इस पत्र पर अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

यह अपील ऐसे समय में आई है जब भारत, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पहले से ही कड़ा रुख अपनाए हुए है। 22 अप्रैल को हुए इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए थे, जिनमें सिंधु जल संधि को स्थगित करना, पाकिस्तान के साथ वीजा सेवाएं रोकना और वाघा-अटारी सीमा को बंद करना शामिल था।

प्रधानमंत्री का पाक को कड़ा संदेश 

प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए स्पष्ट कहा था कि "खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते।" उन्होंने संकेत दिया कि पाकिस्तान की नीयत और कार्यों के आधार पर भविष्य की रणनीति तय की जाएगी। वहीं, पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने भारत को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि भारत ने पानी को मोड़ने की कोशिश की तो संघर्षविराम खतरे में पड़ सकता है। लेकिन भारत की ओर से अभी तक इन धमकियों को गंभीरता से लेने के कोई संकेत नहीं मिले हैं।

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