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India Vs Bharat: भारत बनाम इंडिया की लड़ाई अब तेज हो गई है। जहां इंडिया गठबंधन बनने के बाद सियासत में अच्छी खासी गर्माहट देखने को मिल रही है। वहीं जी-20 सम्मेलन के दौरान भारतीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के रात्रिभोज निमंत्रण में मंगलवार को उस समय विवाद खड़ा हो गया जब इसमें 'भारत के राष्ट्रपति' का उल्लेख किया गया है। जिसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के जी20 रात्रिभोज निमंत्रण पर विवाद छिड़ने के बाद, विपक्ष ने मोदी सरकार पर भारत को छोड़कर देश के नाम के रूप में केवल भारत के साथ रहने की योजना बनाने का आरोप लगाया। हलाकि, 18 सितंबर को संसद का विशेष सत्र शुरू होने के साथ, ऐसी अटकलें हैं कि इस बदलाव को प्रभावी बनाने के लिए संविधान में संशोधन पेश किया जा सकता है।
भारत का जिक्र
जानकारी के लिए बता दें कि, ये पहली बार नहीं है कि, किसी निमंत्रण पत्र पर भारत लिखा है, इससे पहले पहले अगस्त में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दक्षिण अफ्रीका में 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लिया और उसके बाद ग्रीस का भी दौरा किया। 22-25 अगस्त तक दोनों देशों की उनकी यात्रा के लिए सरकारी अधिसूचना में भी उन्हें 'भारत का प्रधान मंत्री' कहा गया है।
वहीं आपको बता दें कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6-7 सितंबर को 20वें आसियान भारत शिखर सम्मेलन और 18वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस) के लिए इंडोनेशिया का दौरा करेंगे। उनकी यात्रा से एक दिन पहले, उनकी यात्रा के समारोह नोट्स में उन्हें 'भारत के प्रधान मंत्री' के रूप में संदर्भित किया गया था।
सविंधान के पन्ने
इंडिया बनाम भारत विवाद के बढ़ने के साथ हीं कई सारे सवाल खड़े हो रहे है। जिसको लेकर हम अगर संविधान की बातें करें तो विशेष रूप से, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 1 में लिखा है: "इंडिया, जो कि भारत है, राज्यों का एक संघ होगा।" भारत का संविधान वर्तमान में देश को "इंडिया, यानी भारत" के रूप में संदर्भित करता है। हालाँकि, इसे केवल "भारत" करने के लिए संशोधन करने की माँगें बढ़ती जा रही हैं।