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IMF Package to Pakistan: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने पाकिस्तान को आर्थिक संकट से उबारने के लिए 1 अरब अमेरिकी डॉलर की बेलआउट राशि मंजूर कर दी है। यह सहायता मौजूदा विस्तारित निधि सुविधा (Extended Fund Facility - EFF) कार्यक्रम के तहत दी गई है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के कार्यालय (पीएमओ) ने शुक्रवार को इस निर्णय की पुष्टि की। पाकिस्तान को यह पैकेज ऐसे समय पर मिला है जब भारत पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसी स्थिति है।
पीएमओ ने जारी किया बयान
पीएमओ द्वारा जारी बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने आईएमएफ की इस मंजूरी का स्वागत किया है और इसे पाकिस्तान की आर्थिक नीतियों में सुधार और वित्तीय अनुशासन का परिणाम बताया है। बयान में यह भी कहा गया कि "पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था अब स्थिर हो रही है और देश विकास की ओर अग्रसर है।" आईएमएफ बोर्ड ने शुक्रवार को पाकिस्तान के लिए 1.3 अरब डॉलर के लचीलेपन और स्थिरता सुविधा (RSF) कार्यक्रम पर भी विचार किया। इस बीच, पाकिस्तान को पहली किस्त के रूप में तुरंत 1 अरब डॉलर की राशि मिलने की पुष्टि हो चुकी है। हालांकि, भारत ने इस बेलआउट पैकेज का कड़ा विरोध किया है।
भारत ने जताया विरोध
भारत ने आईएमएफ की उस बैठक से दूरी बना ली, जिसमें पाकिस्तान को 2.3 अरब डॉलर के नए ऋण की मंजूरी पर विचार किया गया। भारत ने कहा कि इस राशि का दुरुपयोग राज्य प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए किया जा सकता है। भारत के वित्त मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि पाकिस्तान का पिछला रिकॉर्ड विश्वसनीय नहीं रहा है, और ऐसे में इस धनराशि का दुरुपयोग वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है।
पहलगाम हमले के बाद भारत ने दी चेतावनी
भारत ने यह भी चेताया कि ऐसे निर्णयों से अंतरराष्ट्रीय वित्तीय एजेंसियों की प्रतिष्ठा और वैश्विक मूल्यों की गंभीर अवहेलना होती है। भारत के अनुसार, आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देशों को लगातार आर्थिक मदद देना, एक खतरनाक परंपरा को जन्म दे सकता है। भारत ने यह कदम पहलगाम हमले के बाद उठाया है। पाकिस्तान का इतिहास हमेशा से ही आतंकवाद को पालने का रहा है। पाकिस्तान IMF और अन्य देशों से मिलने वाली मदद का इस्तेमाल आतंकी संगठनों की सहायता करता है। ऐसे में IMF का एक बार फिर उसे 1 अरब का पैकेज देना भरत के लिए नुकसान खड़ा कर सकता है।