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राष्ट्रीय

News by Goldi   26 Apr, 2025 21:39 PM
ISRO: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक बार फिर वैश्विक मंच पर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है। इसरो ने अप्रैल 2025 से छह महीने के लिए ‘इंटरनेशनल चार्टर स्पेस एंड मेजर डिसास्टर्स’ की अध्यक्षता की जिम्मेदारी संभाली है। यह चार्टर अंतरिक्ष आधारित आपदा प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इसरो इसका संस्थापक सदस्य है। इसरो ने इस उपलब्धि की घोषणा की, जिसके तहत भारत वैश्विक आपदा प्रबंधन में अग्रणी भूमिका निभाएगा। 
 
चार्टर की 25वीं वर्षगांठ पर इसरो की अगुवाई
 
‘इंटरनेशनल चार्टर स्पेस एंड मेजर डिसास्टर्स’ इस साल अपनी स्थापना की 25वीं वर्षगांठ मना रहा है। इस मौके पर इसरो (ISRO) की अध्यक्षता न केवल भारत की तकनीकी क्षमता को दर्शाती है, बल्कि वैश्विक आपदा प्रबंधन में देश के योगदान को भी रेखांकित करती है। इसरो के अनुसार, इस आयोजन में 22 विदेशी प्रतिनिधियों सहित प्रमुख वैश्विक अंतरिक्ष एजेंसियों ने भाग लिया। इसरो के अध्यक्ष वी. नारायणन ने चार्टर के बोर्ड सदस्यों को संबोधित करते हुए भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा, “भारत अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के माध्यम से आपदा प्रबंधन में वैश्विक सहयोग को मजबूत करने के लिए तत्पर है।"
 
इसरो का आपदा प्रबंधन में योगदान
 
इसरो ने हाल के वर्षों में आपदा प्रबंधन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उदाहरण के लिए, मार्च 2025 में म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता के भूकंप के बाद इसरो ने सैटेलाइट इमेज के माध्यम से प्रभावित क्षेत्रों की जानकारी प्रदान की थी। इन इमेज ने मांडले शहर और आसपास के क्षेत्रों में हुई व्यापक तबाही को उजागर किया, जिससे राहत और बचाव कार्यों में मदद मिली। इसरो की यह क्षमता चार्टर के उद्देश्यों के अनुरूप है, जो आपदा प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित और प्रभावी सहायता प्रदान करने पर केंद्रित है।
 
वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती भूमिका
 
इसरो की अध्यक्षता ऐसे समय में आई है जब भारत अंतरिक्ष में  नई खोज की ऊंचाइयां छू रहा है। हाल ही में चंद्रयान-5 मिशन को मंजूरी दी गई है, जो 2040 तक चंद्रमा पर भारतीय अंतरिक्ष यात्री उतारने की दिशा में एक कदम है। इसके अलावा, इसरो ने स्पाडेक्स मिशन के तहत सैटेलाइट डॉकिंग और अनडॉकिंग में सफलता हासिल की है, जिसने भारत को इस तकनीक में महारत हासिल करने वाले चार देशों में शामिल किया। ये उपलब्धियां भारत की अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में बढ़ती आत्मनिर्भरता को दर्शाती हैं।
 
भविष्य की योजनाएं और प्रतिबद्धता
 
इसरो के अध्यक्ष वी. नारायणन ने कहा कि भारत चार्टर के तहत अन्य देशों के साथ मिलकर आपदा प्रबंधन में नवीन तकनीकों का उपयोग करेगा। इसरो (ISRO) की योजना सैटेलाइट डेटा और रिमोट सेंसिंग तकनीकों को और बेहतर करने की है, ताकि प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव को कम किया जा सके। यह कदम न केवल भारत के लिए बल्कि वैश्विक समुदाय के लिए भी महत्वपूर्ण है।
 
 
 
 
 

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