भारतीय वायु सेना (IAF) ने पाकिस्तान सीमा के निकट एक बड़े पैमाने पर हवाई युद्धाभ्यास की घोषणा की है। इस अभ्यास के लिए भारत ने 7 और 8 मई 2025 के लिए नोटम जारी किया है। यह अभ्यास पाकिस्तान की दक्षिणी सीमा से सटे क्षेत्र में आयोजित किया जाएगा, जो दोनों देशों के बीच चल रहे तनाव के बीच विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
अभ्यास का उद्देश्य और महत्व
यह हवाई अभ्यास भारतीय वायु सेना की परिचालन तत्परता और युद्ध क्षमता को प्रदर्शित करने का हिस्सा है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों को जिम्मेदार ठहराया है, जिसके बाद दोनों देशों ने सैन्य गतिविधियां तेज कर दी हैं। इस अभ्यास को भारत की ओर से एक मजबूत संदेश के रूप में देखा जा रहा है, जो क्षेत्रीय सुरक्षा और रक्षा तैयारियों को रेखांकित करता है।
NOTAM के अनुसार, यह अभ्यास दो दिनों तक चलेगा और इसमें IAF के प्रमुख लड़ाकू विमान जैसे राफेल, सुखोई-30 MKI, मिग-29, जगुआर और मिराज-2000 शामिल होंगे। इसके अलावा, C-130J सुपर हरक्यूलिस और MI-17 V5 हेलीकॉप्टर भी अभ्यास का हिस्सा होंगे। यह युद्धाभ्यास दिन और रात दोनों समय आयोजित किया जाएगा, जिससे वायु सेना की हर परिस्थिति में तत्परता का प्रदर्शन होगा।
तनाव और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
पहलगाम हमले के बाद भारत ने कई कूटनीतिक और सैन्य कदम उठाए हैं, जिसमें पाकिस्तानी उड़ानों के लिए भारतीय हवाई क्षेत्र को बंद करना और वीजा निलंबन शामिल है। जवाब में, पाकिस्तान ने भी भारतीय उड़ानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया, जिससे दोनों देशों की एयरलाइंस को भारी नुकसान हो रहा है। यूरोपीय एयरलाइंस जैसे लुफ्थांसा, एयर फ्रांस और ब्रिटिश एयरवेज ने भी सुरक्षा चिंताओं के चलते पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र से बचना शुरू कर दिया है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने दोनों देशों से संयम बरतने और बातचीत के जरिए तनाव कम करने की अपील की है। संयुक्तराष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी इस मुद्दे पर चर्चा के लिए एक बैठक बुलाई है।
IAF की रणनीति और संदेश
विशेषज्ञों का मानना है कि यह अभ्यास न केवल सैन्य ताकत का प्रदर्शन है, बल्कि पाकिस्तान को यह संदेश भी देता है कि भारत किसी भी आक्रामकता का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है। पूर्व वायु मार्शल संजीव कपूर (सेवानिवृत्त) ने कहा, “यह अभ्यास भारत की रक्षा रणनीति का हिस्सा है, जो क्षेत्रीय स्थिरता और आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाता है।”
यह हवाई अभ्यास भारत की सैन्य ताकत और रणनीतिक दृढ़ता को उजागर करता है। दोनों देशों के बीच तनाव के बीच, यह युद्धाभ्यास क्षेत्रीय शक्ति संतुलन और भारत की रक्षा तैयारियों को रेखांकित करता है।
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