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चुनाव

News by Goldi   25 Apr, 2025 19:04 PM

Bihar Politics: जन सुराज पार्टी के संस्थापक और चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर (PK) बिहार में बदलाव की नई लहर लाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने घोषणा की है कि उनकी 'बिहार बदलाव यात्रा' 20 मई 2025 से लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जन्मभूमि सिताबदियारा से शुरू होगी। यह यात्रा बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों का हिस्सा है, जिसके जरिए पीके जनता से सीधा संवाद स्थापित कर अपनी पार्टी के विजन को मजबूत करना चाहते हैं।
 

यात्रा का उद्देश्य और रणनीति

'बिहार बदलाव यात्रा' का मुख्य उद्देश्य बिहार के गांव-गांव तक पहुंचकर लोगों की समस्याओं को समझना और जन सुराज पार्टी की विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाना है। प्रशांत किशोर इस यात्रा के दौरान प्रत्येक जिले के गांवों में जाकर लोगों से सीधा संवाद करेंगे। वे पूछेंगे, "आपकी सबसे बड़ी समस्या क्या है? पिछले 15 वर्षों में आपको क्या मिला? आप बदलाव क्यों चाहते हैं?" यह जनसंपर्क अभियान उनकी पार्टी के सियासी आधार को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा है। पीके (PK) ने जमुई में एक जनसभा के दौरान कहा, "हमारी यात्रा बिहार को राजनीतिक जड़ता से मुक्ति दिलाने और जनता का राज स्थापित करने के लिए है।" उन्होंने नीतीश कुमार, लालू यादव और नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार की जनता अब कुशासन से तंग आ चुकी है और बदलाव चाहती है।
 

उद्घोष यात्रा से बिहार बदलाव यात्रा तक

प्रशांत किशोर (PK) ने 23 अप्रैल से 'उद्घोष यात्रा' शुरू की है, जिसके तहत वे एक महीने में 50 जनसभाओं को संबोधित करेंगे। यह यात्रा भागलपुर के पीरपैंती से शुरू हुई और विभिन्न जिलों में जारी है। उद्घोष यात्रा के बाद 'बिहार बदलाव यात्रा' उनकी दूसरी बड़ी पहल होगी। इस यात्रा में वे 240 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करेंगे, जिसमें महिलाओं, मुसलमानों और अति पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों को प्राथमिकता देने की बात कही गई है। वहीं दूसरी तरफ प्रशांत किशोर की इस यात्रा ने बिहार की सियासत में हलचल मचा दी है। उनकी पार्टी ने हाल के उपचुनावों में 10% वोट हासिल कर अपनी मौजूदगी दर्ज की थी। वे दावा करते हैं कि जन सुराज 2025 में अकेले दम पर सरकार बनाएगी। हालांकि, पटना में उनकी 'बदलाव रैली' को अपेक्षित भीड़ न मिलने से सवाल उठे हैं, लेकिन पीके इसे प्रशासन की नाकामी बताते हैं। 
 

सिताबदियारा का प्रतीकात्मक महत्व

 सिताबदियारा को चुनने का फैसला प्रतीकात्मक और रणनीतिक दोनों है। जयप्रकाश नारायण की जन्मभूमि होने के कारण यह स्थान बिहार के लोगों के लिए प्रेरणा का प्रतीक है। पीके इस ऐतिहासिक स्थल से अपनी यात्रा शुरू कर जेपी के विचारों को जनता के बीच ले जाना चाहते हैं। 
 

भविष्य की चुनौतियां

पीके (PK) के सामने संगठनात्मक ढांचा मजबूत करने और वोट बैंक बनाने की चुनौती है। उनकी रणनीति में जातिगत समीकरण साधने की कोशिश भी दिख रही है, जिसमें यादव और अल्पसंख्यक समुदाय पर फोकस है। बिहार की जनता उनकी इस यात्रा को कितना समर्थन देती है, यह भविष्य तय करेगा। 
 
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