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Hathras Stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस में इस सप्ताह की शुरुआत में अपने सत्संग में हुई भगदड़ में 121 लोगों की मौत के बाद, पूर्व कांस्टेबल से स्वयंभू बाबा बने भोले बाबा का पहला बयां सामने आया है।
भोले बाबा ने कहा "भगवान हमें इस दर्द को सहने की शक्ति दे। कृपया सरकार और प्रशासन पर भरोसा रखें। मुझे विश्वास है कि अराजकता फैलाने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। अपने वकील एपी सिंह के माध्यम से, मैंने समिति के सदस्यों से अनुरोध किया है कि वे शोक संतप्त परिवारों और घायलों के साथ खड़े रहें और जीवन भर उनकी मदद करें,"
घटना के दिन 'सत्संग' में 2.5 लाख से अधिक श्रद्धालु आए थे। भगदड़ तब शुरू हुई जब उपस्थित लोगों ने उस जमीन से "धूल इकट्ठा करना" शुरू कर दिया, जहाँ से भोले बाबा की गाड़ी गुजरी थी। इस हड़बड़ में पुरुष, महिलाएँ और बच्चे एक-दूसरे पर गिर पड़े, जिस कारण कई लोगों की मौत हो गई।
पुलिस ने बताया कि अधिकारियों द्वारा तय की गई 80,000 लोगों की सीमा से कहीं ज़्यादा लोग इकट्ठा हुए। झूठे भोले बाबा, भगदड़ के बाद से ही गायब थे। उनके वकील एपी सिंह ने कल कहा था कि वे जांच में सहयोग करेंगे। श्री सिंह ने कहा, "हमारे पास पीड़ितों की जिलेवार सूची है और नारायण साकार हरि का ट्रस्ट भगदड़ में मारे गए लोगों के परिवारों की शिक्षा, स्वास्थ्य और शादी के खर्च का ख़र्च उठाएगा।"
मुख्य आरोपी गिरफ़्तार
हाथरस पुलिस ने बताया कि सत्संग के मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर को दिल्ली में गिरफ़्तार किया गया है। मामले में अब तक कुल 7 लोगो को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें 'सत्संग' की आयोजन समिति का हिस्सा रहीं दो महिला स्वयंसेवक भी शामिल है ।
एफआईआर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज की गई है। तीन सदस्यीय एसआईटी ने अब तक 90 व्यक्तियों के बयान दर्ज किए हैं। राज्य सरकार ने एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का भी गठन किया है।