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Farmer Protest: किसानों का दिल्ली चलो मार्च आज फिर फेल हो गया। शुक्रवार यानी आज 101 किसानों का एक 'जत्था' शंभू बॉडर से दिल्ली के लिए विरोध प्रदर्शन करने पहुंचा। हालांकि, अंबाला जिला प्रशासन द्वारा जारी आदेश के मुताबिक अगले आदेश तक पैदल, वाहन या अन्य साधनों से कोई भी जुलूस निकालने पर रोक लगा दी गयी थी। पुलिस ने किसानों को रोकने का मजबूत जाल बन लिया था, जिसके कारण शंभू बॉर्डर पर किसान ओर पुलिस बल में भारी टकराव हुआ।
आंसू गैस के गोले छोड़े
हरियाणा-पंजाब शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों ने पुलिस की ओर से लगाए गए केंटीले तार को रास्ते से हटा दिया। पुलिस की बैरीकेडिंग के ऊपर चढ़कर किसानों ने जबरदस्ती जाने की कोशिश की। किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया। पुलिस के साथ हाथपाई ने कई किसान घायल हो गए। स्थिति गंभीर हो गई थी। इस मांग परकी। केंद्र और उनसे बात करेगी वरना बे दिल दिल्ली की ओर प्रस्थान कर लेंगे जिसके बाद किसानों के जत्थे ने वापस लौटने का फैसला लिया।
किसानों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की ओर कूच करने का ऐलान किया था।
क्या हैं किसानों की मांगे
किसान ने सरकार से 13 सूत्री मांग की है, जो निम्न है–
सभी फसलें MSP पर खरीदी जाएं।
फसलों की कीमत डॉक्टर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट से तय हो।
DAP खाद की कमी को दूर किया जाए।
किसान और खेतिहर मजदूरों का कर्ज माफ कर उन्हें पेंशन दी जाए।
भूमि अधिग्रहण नियम 2013 फिर से लागू हो।
लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों को सजा मिले।
मुक्त व्यापार समझौते पर रोक लगे।
किसान आंदोलन में शहीद हुए कृषकों के परिजनों को मुआवजा और सरकारी नौकरी मिले।
विद्युत संशोधन विधेयक 2020 रद्द हो।
मनरेगा के तहत हर साल 200 दिन काम और 700 मजदूरी मिले।
नकली बीज और कीटनाशक बेचने वाली कंपनियों के खिलाफ सख्त कानून बनाई जाए।
हल्दी मिर्च समेत अन्य मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन हो।
संविधान की पांचवीं सूची लागू कर आदिवासियों की जमीन लूट को बंद किया जाए।