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बिहार

News by Neha   24 Aug, 2025 22:37 PM

Vaishali Murder for Dowry: 21वीं शताब्दी में भी नारी को पूजने वाला देश दहेज प्रथा की आड़ में बेटियों की जान लेने का कलंक अपने माथे पर शान से ढो रहा है। इसका काला रंग अब और गहरा होकर आंखों, दिल और दिमाग को भी ढक चुका है। बेटियों से दरिंदगी और हत्या की खबरों से टेलीविजन और अखबारों की सुर्खियां सज रही हैं, बस एक नई सुबह के साथ पीड़िता का नाम बदल जाता है। 

आज की खबर है वैशाली की, जहां पानी में तैरता शिवांगी का शव अपनी प्रताड़ना की कहानी बयां कर रहा था और जिसे सुनकर परिवार वालों की आंखें अब तक सूखी नहीं हैं।

 9 दिन लापता रही शिवांगी, नदी में तैरता मिला शव

शिवांगी की शादी को कुछ ही समय बीता था। वह ससुराल में थी और परिवार को अक्सर उसके साथ हो रहे अत्याचार की आहटें मिलती रहती थीं। पर किसी ने नहीं सोचा था कि यह हिंसा उसकी जान तक ले लेगी।

शिवांगी पिछले 9 दिनों से लापता थी। ससुराल वालों ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया, और लगातार टालमटोल करते रहे। अंततः जब परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, तो उसकी खोजबीन शुरू हुई। 9 दिन बाद उसका शव पास की एक नदी में तैरता मिला।

दहेज बना जानलेवा, ससुराल वाले फरार

परिजनों ने आरोप लगाया है कि ससुराल वाले लगातार दहेज की मांग कर रहे थे। कई बार शिवांगी को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया। उन्होंने यहां तक कहा कि मारपीट की घटनाएं पहले भी हो चुकी थीं, लेकिन समाज और रिश्तों की मर्यादा के चलते उन्होंने चुप्पी साध ली थी। अब वही चुप्पी, उनकी लाड़ली की मौत की वजह बन गई। घटना के बाद से ससुराल के सभी लोग फरार हैं।

परिजनों का आरोप है कि पुलिस भी मामले कुछ ज्यादा ठोस कदम उठाते हुए नजर नहीं आ रही है। कारण है कि गंभीर मामले के बावजूद अभी तक  किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

 शव को ससुराल के बाहर जलाया, गुस्से में भड़के परिजन

अपनी बेटी का क्षत-विक्षत शव देखकर शिवांगी के परिवार वालों का गुस्सा और दर्द फूट पड़ा। उन्होंने शिवांगी के शव को लेकर सीधे ससुराल पहुंचे और वहीं उसके घर के बाहर शव का अंतिम संस्कार कर दिया एक तरह से यह परिजनों का विरोध था, एक मूक चीख कि अब और चुप नहीं रहेंगे। गांव में इस घटना के बाद से तनाव का माहौल है। स्थानीय लोग भी इस मामले में आक्रोशित हैं।

पुलिस ने दर्ज की FIR, पर न्याय अभी दूर

पुलिस ने परिजनों की शिकायत पर FIR दर्ज कर ली है, जिसमें दहेज हत्या, मारपीट और सबूत छिपाने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। लेकिन लोगों का सवाल है कब होगी गिरफ्तारी? कब मिलेगा शिवांगी को न्याय?

अब सवाल सिर्फ शिवांगी का नहीं

शिवांगी की कहानी अकेली नहीं है। हर साल दहेज के कारण देश में हजारों बेटियां अपनी जान गंवा रही हैं। समाज में शिक्षा और आधुनिकता के बावजूद दहेज की ये काली छाया अब भी बेटियों को निगल रही है। हर रोज एक नई बेटी की लाश न्याय मांगने आ जाती है। हर रोज लोगों के भीतर मानवता जगती है और फोन बंद करते ही सो जाती है। हर रोज मीडिया में बहस के बाद भेड़िए रूपी मानव के हाथ में हथकड़ी भी लगती है लेकिन उसके बाद 'जांच जारी है' ही सुनाई देता है, न्याय..? मिला क्या?

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