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Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल (एलएम) बुधवार शाम चंद्रमा की सतह पर उतरेने वाला है। जिसको लेकर पूरी दुनिया की नजर भारत पर है क्योंकि चंदामामा भारत के पहुंचते हीं भारत एक नया इतिहास रचते हुए दक्षिण ध्रुव पर पहु्ंचने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा। इसिलिए तो सिर्फ भारतवर्ष ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया इस ऐतिहासिक पल का टकटकी लगाए इंतजार कर रही है। इसरो के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार बता दें कि, लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) से युक्त लैंडर मॉड्यूल शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर सॉफ्ट लैंडिंग कर सकता है।
जहां पूरा देश चंद्रयान-3 की सफल चंद्र लैंडिंग के लिए कामना कर रहा है तो वहीं गुजरात के सूरत के कडोदरा में हनुमान मंदिर में हवन किया गया। इसके अलावा चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए वाराणसी में साधुओं ने भी हवन किया। वहीं चंद्रयान-3 की सफल चंद्र लैंडिंग के लिए विशेष पूजा-अर्चना करने छतरपुर के बागेश्वर धाम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। एक श्रद्धालु राजीव शर्मा ने कहा, ''हजारों श्रद्धालु यहां पूजा करने आए हैं।"
देश के इस उपलब्धी के समय पीएम नरेंद्र मोदी चंद्रयान-3 की लैंडिंग को देखने के लिए दक्षिण अफ्रीका में शुरू होने वाली ब्रिक्स समिट के बीच से ही जुड़ेंगे। बताया गया है कि पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विक्रम लैंडर की लैंडिंग देखेंगे और वैज्ञानिकों से बात भी करेंगे। इससे पहले चंद्रयान-2 की लैंडिंग देखने के लिए भी पीएम मोदी इसरो के कार्यालय पहुंचे थे।
मिली जानकारी के अनुसार ISRO के पूर्व निदेशक डॉ. सुरेंद्र पाल ने चंद्रयान-3 की लैंडिंग को लेकर जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि मुझे ISRO के वैज्ञानिकों की तरह ही विश्वास है कि हम बहुत बेहतर करेंगे क्योंकि चंद्रयान 2 की तुलना में बहुत सारे बदलाव किए गए हैं... बहुत सारे एल्गोरिदम बदले गए हैं... पूर्ण अंशांकन किया गया है। लैंडर में घूमने की क्षमता है। लैंडिंग क्षेत्र को 2.5 किमी से बढ़ाकर 4 किमी कर दिया गया है।
चंद्रयान-3 की लैंडिंग से पहले महाराष्ट्र के नागपुर में भरतनाट्यम और कुचिपुड़ी नर्तक पूजा हिरवाडे ने 'नमो नमो भारताम्बे' और चंद्रयान गान पर भरतनाट्यम प्रस्तुत किया। उन्होंने अपनी पेशकश को लेकर कहा कि भारत का चंद्रयान-3 आज चंद्रमा पर उतरने के लिए पूरी तरह तैयार है। इसलिए इस पल को यादगार बनाने के लिए मैंने चंद्रयान एंथम पर भरतनाट्यम किया। यह संपूर्ण भारत के लिए गौरवपूर्ण एवं ऐतिहासिक क्षण है। हम उन सभी वैज्ञानिकों का हृदय से आभार व्यक्त करना चाहते हैं जिनकी कड़ी मेहनत से आज यह संभव हो पाया है।
खगोलशास्त्री प्रोफेसर डॉ आर.सी. कपूर ने बताया कि दुनिया और विभिन्न अंतरिक्ष एजेंसियां चंद्रयान पर नजर रख रही हैं। ISRO दुनिया की सर्वश्रेष्ठ अंतरिक्ष एजेंसियों में से एक है। हमें उम्मीद है कि हम सॉफ्ट लैंडिंग में सफल होंगे...इसके साथ ही इसरो चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग (सफल लैंडिंग) करने वाली चौथी एजेंसी बन जाएगी।