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BRICS Summit: ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए पीएम मोदी रूस के कजान पहुंचे हैं और बुधवार को उनके भाषण की गूंज विश्वभर में सुनाई दी है। यूं तो पीएम मोदी ने बहुत से मुद्दों पर चर्चा की लेकिन विश्व शांति की ओर एक कदम बढ़ाने का आह्वान करना, सभी देशों के लिए चुनौतीपूर्ण था। रूस-यूक्रेन जंग को बढ़ावा न देकर समझौते के द्वारा उसे सुलझाया जाए पर सभी का ध्यान खींचा। आइए इस खबर में जानते हैं पीएम मोदी ने ब्रिक्स सम्मेलन में किन मुद्दों का जिक्र किया।
पीएम मोदी ने आज दुनिया के सामने मौजूद विभिन्न चुनौतियों का जिक्र किया। इनमें युद्ध, आर्थिक अनिश्चितता, जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद और देशों के बीच मतभेद शामिल हैं। उन्होंने कहा, "तकनीक के युग में साइबर सुरक्षा, डीप फेक जैसी नई चुनौतियां सामने आई हैं। ऐसे में ब्रिक्स से काफी उम्मीदें हैं।" पीएम मोदी ने आतंकवाद और आतंकी फंडिंग से निपटने के लिए सहयोग की अपील की और कहा कि ऐसे गंभीर मुद्दों पर दोहरे मापदंड की कोई गुंजाइश नहीं हो सकती। उन्होंने कहा, "हमें देश के युवाओं में कट्टरपंथ को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा है कि हमें संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर एक व्यापक सम्मेलन के लंबित मुद्दे पर मिलकर काम करना होगा।
ब्रिक्स 5 देशों का समूह है जो अपनी विविधता के लिए प्रसिद्ध हैं। बता दें कि इस समूह में ब्रिटेन, रूस, चीन, भारत और साउथ कोरिया शामिल हैं। विश्व चुनौतियों को मद्देनजर रखते हुए पीएम मोदी ने कहा है कि भारत ब्रिक्स में नए देशों का स्वागत करने के लिए तैयार है लेकिन इस संदर्भ में सभी निर्णय सर्वसम्मति से लिए जाने चाहिए और ब्रिक्स के संस्थापक सदस्यों के विचारों का सम्मान किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, "पिछले साल अफ्रीकी देशों को ब्रिक्स में जोड़ा गया था। इस साल भी रूस ने ग्लोबल साउथ के कई देशों को आमंत्रित किया है। मोदी ने कहा, "विभिन्न विचारधाराओं के संगम से बना ब्रिक्स समूह आज विश्व को सकारात्मक सहयोग की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहा है। हमारी विविधता, एक-दूसरे के प्रति सम्मान और आम सहमति से आगे बढ़ने की परंपरा हमारे सहयोग का आधार है।"