Share this link via
Or copy link
Bihar: जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने नीतीश और तेजस्वी यादव के विकास के दावों की पोल खोलते हुए समाज के लोगों से अपील की कि इन नेताओं से आप कोई अपेक्षा न करें। प्रशांत किशोर ने कहा कि इन नेताओं से आप क्या अपेक्षा करते हैं? तेजस्वी यादव जैसे लोग चाहते हैं कि समाज में लोग एक-दूसरे से लड़ते-झगड़ते रहें। समाज अगर पिछड़ा रहेगा तभी न जाकर 9वीं पास आदमी को लोग अपना नेता मानेंगे । बिहार में जो आदमी शर्ट के ऊपर गंजी पहन लिया तो लोगों को लगता है कि वही जमीनी नेता है। भले उसको भाषा और विषय का ज्ञान नहीं हो। कोई पढ़ा-लिखा आ जाए तो हम और आप बात करते हैं कि ये बिहार में नहीं चलेगा। आज देश में भष्टाचार कहां नहीं है? नेता कहां झूठ नहीं बोल रहे हैं? इसके बावजूद आज बिहार जैसी भयावह स्थिति देश के किसी दूसरे राज्य में नहीं है। क्या कोई तमिलनाडु, महाराष्ट्र, केरल जैसे राज्यों से बिहार में आकर मजदूरी कर रहा है? मगर बिहार के लोग जानवरों की तरह ट्रेन में लदकर भेड़-बकरी की तरह मजदूरी करने जा रहे हैं।
नीतीश कुमार को फैक्ट्री बनाने को लेकर किसी ने चर्चा करते सुना है: प्रशांत किशोर
समस्तीपुर के कल्याणपुर में पत्रकारवार्ता के दौरान प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि आपने कभी नीतीश कुमार को किसी फैक्ट्री बनाने को लेकर चर्चा करते सुना? नीतीश कुमार के लिए आज चर्चा का विषय क्या है? उनके लिए आज चर्चा का विषय है कि धरती का नाश होने वाला है। मोबाइल का उपयोग करने से लोग पागल हो रहे हैं। क्या यही नीतीश कुमार का काम है? नीतीश कुमार क्या साइकोलोजिस्ट हैं या मनोवैज्ञानिक हैं? बिहार की जनता ने जो काम नीतीश कुमार को दिया है वो तो ये कर नहीं रहे बाकी बेकार की चीजों में इनका ध्यान रहता है। दुनिया कितने दिनों तक रहेगी कब खत्म हो जाएगी इस पर बात करते हैं। नीतीश कुमार को अगर ध्यान से देखिएगा तो पता चलेगा कि उनपर उम्र का असर हो गया है। पिछले एक साल की उनकी पुरानी स्पीच उठाकर देख लीजिए आपको पता चल जाएगा कि वो हर बात को जलेबी की तरह घुमाते रहते हैं। बोलना कुछ चाहते हैं बोल कुछ और जाते हैं।