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Bihar: बिहार के राजनीति में भूचाल लाने वाले जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने बुनियादी सुविधाओं के अभाव को लेकर जिले से निर्वाचित हुए दोनों राज्य सरकार के मंत्रियों व एक केंद्रीय मंत्री पर को जिम्मेदार बताया। साथ हीं रणनीतिकार ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी और भूमि सुधार एवं कृषि मंत्री आलोक कुमार मेहता पर निशाना साधते हुए कहा कि, समस्तीपुर की स्थिति देख लीजिए, जिले से तीन मंत्री हैं। यहां ऐसी दशा है कि कोई गांव ऐसा नहीं है जहां की जनता त्रस्त न हो। पानी के लिए, रोड के लिए रोजगार के लिए अस्पताल के लिए जनता परेशान है। कम से कम मैं 12-13 दिनों से समस्तीपुर में पैदल चल रहा हूं।
30 साल से अस्पताल की कर रहे है मांग
बता दें कि, सरायरंजन में पत्रकारों से बातचीत में प्रशांत किशोर ने कहा कि, यहां धमौन एक बड़ा गांव है, वहां 50 हजार की आबादी है, वहां के लोगों ने हमें बताया कि हम ही लोग तय करते हैं कि यहां विधायक कौन बनेगा। क्योंकि हमारे गांव के 50 हजार वोटर हैं। उसी गांव के लोग ये भी बता रहे हैं कि यहां पर करीब 30 सालों से लोग अस्पताल की मांग कर रहे हैं, बावजूद इसके वहां एक छोटा भी अस्पताल नहीं है। आप ही समझिए कि जिस गांव में 50 वोटर हैं, फिर भी वहां अस्पताल नहीं बन रहा है तो आप समझिए वहां के लोग बीजेपी, धर्म, भारत-पाकिस्तान के नाम पर वोट दे रहे हैं, तो लोगों की परेशानी कैसे दूर होगी? मेरे पास योजना नहीं है, बल्कि मैं ये बता रहा हूं कि आप अपने वोट की ताकत समझिए, उसकी शक्ति समझिए और कीमत समझिए। लालू यादव का चेहरा देखकर, नरेंद्र मोदी का चेहरा देखकर वोट कीजिएगा तो बिहार नहीं सुधरेगा।