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Dilip Jaiswal Resignation: बिहार में इस समय राजनीतिक सरगर्मी तेज है, लेकिन इस बार न कोई दल बदल रहा है और न ही कोई विवादित बयान सामने आया है। बल्कि इस बार बवाल मचा है नीतीश सरकार के कैबिनेट विस्तार को लेकर। बुधवार शाम को सात नए विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। इस बीच बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और मंत्री दिलीप जायसवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया, लेकिन उनके इस्तीफे की भाषा और उसमें की गई गलतियों ने विपक्ष को उन पर तंज कसने का मौका दे दिया। बिहार की कम साक्षरता दर को सिद्ध करने वाले दिलीप जी की अब सोशल मीडिया पर खूब किरकिरी हो रही है।
बिहार के मंत्री बिहार नहीं लिख पाए
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने जायसवाल के इस्तीफे की तस्वीर शेयर करते हुए उनकी हिंदी पर सवाल उठा दिए। Aपार्टी ने ट्वीट कर लिखा, "ये बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष हैं, अभी मंत्री भी थे, लेकिन दो लाइन का इस्तीफा भी सही से नहीं लिख सके! बिहार तक सही नहीं लिखा। ये मेडिकल कॉलेज के मालिक भी हैं, सोचिए इनके कॉलेज का क्या हाल होगा!" राजद के इस कटाक्ष के बाद सोशल मीडिया पर भी इस इस्तीफे की खूब चर्चा हो रही है।
इस्तीफे की वजह क्या ?
अब असली मुद्दा यह है कि बिहार में सरकार की नीतियों पर चर्चा होनी चाहिए या फिर इस्तीफे की गलतियों पर? विपक्ष भले ही जायसवाल की हिंदी पर हंसी उड़ा रहा हो, लेकिन जनता जानना चाहती है कि इस्तीफे की असली वजह क्या है? बिहार की राजनीति में असली मुद्दों को छोड़कर इस तरह की बयानबाजी कोई नई बात नहीं है। सवाल यह है कि क्या यह राजनीति बिहार के विकास को किसी दिशा में ले जाएगी, या फिर हमेशा की तरह तंज और कटाक्ष तक ही सीमित रह जाएगी?