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Bharatiya Nyaya Sanhita Bill: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा शुक्रवार 11 अगस्त को लोकसभा में भारतीय दंड संहिता (IPC) 1860 के सुधार को लेकर एक विधेयक पेश किया। मिली जानकारी के अनुसार इस बिल में महिलाओं को खिलाफ हो रहे है अत्याचार पर रोक लगाने के लिए ये कदम उठाया गया है। इस बिल में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध को लेकर कड़े प्रावधान हैं। बता दें कि, लोकसभा में पास किए गए विधेयक में कहा गया है, ‘‘जो कोई भी, धोखे से या बिना विवाह के इरादे से किसी महिला से शादी करने का वादा करता है और उसके साथ यौन संबंध बनाता है तो यह यौन संबंध बलात्कार के अपराध की श्रेणी में नहीं आता है, लेकिन अब इसके लिए 10 साल तक की कैद की सजा दी जाएगी और जुर्माना भी लगाया जा सकता है। इसके साथ हीं खबर ये भी सामने आ रही है कि, इस प्रावधान से सरकार लव जिहाद पर नकेल कसने के लिए तैयारी है।
बिल के विषय में जानकारी देते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि, ''महिलाओं के प्रति अपराध और सामाजिक समस्याओं से निपटने के लिए भी प्रावधान किए हैं. शादी, रोजगार और प्रमोशन के झूठे वादे या गलत पहचान बताकर जो भी यौन संबंध बनाते थे, उसको अपराध की श्रेणी में पहली बार मोदी सरकार लाने जा रही है।'' इसके बाद उन्होंने कहा कि, ''गैंगरेप के सभी मामलों में 20 साल की सजा या आजीवन कारावास का प्रावधान किया है. 18 साल से कम उम्र की बच्चियों के मामले में मृत्युदंड का प्रावधान किया गया है।
जानकारी देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने बिल पेश करते हुए कहा कि, इसमें प्रावधान महिलाओं से जुड़े हैं. बिल में प्रावधान है कि शादी का झांसा देकर बलात्कार का दावा करने वाली महिलाओं के मामलों से अदालतें निपटती हैं, लेकिन आईपीसी में इसके लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं है. इस विधेयक की अब एक स्थायी समिति जांच करेगी.