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Bihar Exam Failure: साल 2005 में गुंडाराज खत्म करके नीतीश की नई सरकार 'सुशासन' ले आई थी। लेकिन ये सुशासन केवल राजनीतिक भाषणों और पर्चियों में दिखा। बिहार की बदनसीबी कहिए या भोलापन, लेकिन हर नेता बिहार में बदलाव का वादा करके बिहारियों को बुढ़बक बना देता है। बदलाव भी होता है लेकिन उतना ही जितना बिना किसी मेहनत के हो जाए। नीतीश बाबू के आने के बाद बिहार में बदमाशी चरम से कम तो हुई लेकिन खत्म नहीं। आज भी समय समय पर गुंडई की घटनाएं याद दिलाती रहती हैं कि बिहारी को बदनाम क्यों किया जाता है।
बिहारी अपने परिवार और त्योहार को छोड़कर शिक्षा और सुरक्षा के लिए दूसरे राज्यों में जाकर जीवन यापन कर रहे हैं। जो बचे, वो भ्रष्टाचार और सुस्त व्यवस्था का शिकार हो रहे हैं । नेता अभी तक अपनी राजनीतिक विचारधारा नहीं तय कर पाए हैं और बिहारी अपना भविष्य। ऐसे में परिवार को गरीबी से निकालने के लिए एक मात्र उपाय है पढ़ाई। इतनी पढ़ाई की सुस्त सरकार का काम आप खुद सरकारी सेवक बनकर कर सके।
दो समय का भोजन कर, परिवार को सब ठीक हो जाएगा की आशा देकर बच्चे इन्हीं सरकारी परीक्षाओं के लिए दिन रात मेहनत करते हैं। लेकिन यह भ्रष्टाचार फिर बीच में सब खराब कर देता। सालों पढ़ाई करके हल किए जाने वाले प्रश्न परीक्षा से पहले ही खरीद लिए जाते हैं। यदि खरीदे न जाए, तो सरेआम कक्षा में नक्ल होती है। अगर कोई नक्ल कराने से मना करदे तो जाग जाता है छात्रों के भेष में बैठे गुंडों का गुस्सा।
बिहार के रोहतास जिले में गुरुवार शाम को दो छात्र मैट्रिक की परीक्षा देकर घर लौट रहे थे। उन्हें क्या पता था कि उन्हें परिणाम जानने का मौका तक नहीं मिलेगा। रास्ते में बदमाशों ने दोनों परीक्षार्थियों को गोली मार दी, जिसमें एक छात्र की मौत हो गई। मृतक छात्र की पहचान अमित कुमार के रूप में हुई है, जो डेहरी मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मंजूबीघा गांव का रहने वाला था। उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां शुक्रवार सुबह उसकी मौत हो गई। वहीं, दूसरा छात्र अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहा है।
अमित कुमार का कसूर केवल इतना की उसने परीक्षा के दौरान आरोपियों को नकल करने से मना किया था और अपना उत्तर दिखाने से इनकार कर दिया था। इसी बात से नाराज बदमाशों ने उसका जीवन छीन लिया।
वैसे तो हर आपराधिक मामले में कार्रवाई होती है, लेकिन न्याय मिलना....कह नहीं सकते। अगर आपके पास पैसा है , चाचा या फूफा की विधायक से पहचान है या फिर सिर पर किसी बाहुबली का हाथ है, तो बधाई हो ...बिहार में सजा से बचना आपके लिए आसान है।