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Parliament: विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट में ऐसा खुलासा हुआ जिससे पता लगाया जा सकता है कि पड़ोसी देशों में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ अपराध किस कदर बढ़ते ही जा रहे हैं और इसे रोकने के लिए सरकारें कोई ठोस कदम भी उठाती नहीं दिखाई दे रही हैं। बात कर रहे हैं पाकिस्तान और बांग्लादेश की।
पाकिस्तान से भी क्रूर बांग्लादेश
बांग्लादेश में 5 अगस्त यानी जिस दिन से शेख हसीना की सरकार गिरी है उसी दिन से कट्टर बांग्लादेशियों ने हैवान का रूप ले लिया है और इंसानियत का गला घोंटने पर आ गए हैं। आंकड़ों से देखा जा सकता है कि पाकिस्तान में हिंदुओं के साथ प्रताड़ना होती ही आई है लेकिन बांग्लादेश ने इस साल पाकिस्तान की क्रूरता को भी पीछे छोड़ दिया है। बता दें कि बांग्लादेश में कुल 2200 हमले हुए हैं, जबकि अक्टूबर तक पाकिस्तान में इस साल हिंदुओं पर 112 हमलों की घटनाएं सामने आई हैं। जानकारी विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने संसद में बताई।
अन्य देशों में शून्य मामले- रिपोर्ट
विदेश राज्य मंत्री ने यह भी कहा कि भारत सरकार ने पाकिस्तान से धार्मिक असहिष्णुता, सांप्रदायिक हिंसा, अल्पसंख्यक समुदायों पर व्यवस्थित उत्पीड़न और हमलों को रोकने तथा उनकी सुरक्षा, संरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया है। मंत्री ने कहा, "भारत उचित अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की दुर्दशा को उजागर करना जारी रखता है।"
साथ ही मंत्री ने कहा कि अन्य पड़ोसी देशों में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के शून्य मामले हैं। सिंह से पिछले तीन वर्षों के दौरान पड़ोसी देशों में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के कुल मामलों की संख्या, देशवार और वर्षवार; और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए मंत्रालय द्वारा उठाए गए या प्रस्तावित कदमों, जिनमें राजनयिक हस्तक्षेप और राहत उपाय शामिल हैं, के बारे में पूछा गया था।