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Ambedkarnagar Bulldozer Action: अंबेडकरनगर में प्रशासन की बुलडोजर कार्रवाई के दौरान एक ऐसा दृश्य सामने आया जिसने हर किसी का दिल झकझोर दिया। जलती झोपड़ी के नीचे से एक छोटी बच्ची अपने स्कूल बैग को सीने से लगाकर भागी। उसकी आँखों में डर था, लेकिन उससे बड़ा उसका हौसला था। वह जानती थी कि किताबें जल गईं तो शायद दोबारा नहीं मिलेंगी, और उसका सपना वहीं खत्म हो सकता है।
बैग को सीने से लगाकर भागी बाहर
यह घटना जलालपुर तहसील के अरई गांव की है। तीन दिन पहले प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने के लिए झोपड़ियों पर बुलडोजर चला दिया। इसी दौरान एक झोपड़ी में आग लग गई। वहां मौजूद लोगों में अफरा-तफरी मच गई, लेकिन इसी बीच एक बच्ची की नजर अपनी जलती हुई झोपड़ी पर पड़ी। उसे याद आया कि उसका स्कूल बैग अंदर रह गया है।
बिना किसी डर के, वह जलती हुई झोपड़ी की ओर दौड़ी। लोग चिल्लाए, उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन उसने किसी की नहीं सुनी। वह धुएं और आग के बीच घुसी और कुछ ही सेकंड में अपना बैग लेकर बाहर निकल आई। उसकी छोटी-सी हथेलियों में जली हुई किताबें थीं, लेकिन चेहरे पर संतोष था—उसका सपना अभी भी जिंदा था।
शिक्षा का खर्च उठाएगा विपक्ष !
यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और लोगों ने बच्ची के जज़्बे को सलाम किया। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने इस घटना को साझा करते हुए सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा—"सरकार अपनी ताकत दिखाने के लिए झोपड़ियां गिरा रही है, और एक बच्ची अपनी किताबें बचाने के लिए जान जोखिम में डाल रही है। यही भाजपाई 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' का नारा लगाते हैं!"
बच्ची की लगन को देखते हुए समाजवादी पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष रामशकल यादव ने उसकी मदद के लिए कदम बढ़ाया। आलापुर के श्रीकृष्णा चिल्ड्रेन सेंट्रल एकेडमी के प्रबंधक और प्रिंसिपल ने घोषणा की कि बच्ची को इंटरमीडिएट तक निःशुल्क शिक्षा और रहने की सुविधा दी जाएगी।