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Waqf Ammendment Bill: वक्फ संशोधन विधेयक 2025 आज (02 अप्रैल, 2025) को लोकसभा में पेश किया गया। इस पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने वक्फ बोर्ड द्वारा जब्त की गईं संपत्तियों का ब्यौरा दिया और कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि 2014 के चुनाव से पहले कांग्रेस सरकार ने कई संपत्तियां वक्फ को दे दीं।
अमित शाह ने कहा कि 2013 में, जब चुनाव नजदीक थे, कांग्रेस ने वक्फ कानून को और सख्त बना दिया। इसके परिणामस्वरूप दिल्ली के लुटियंस इलाके की 123 वीवीआईपी संपत्तियां वक्फ को दे दी गईं। उन्होंने कहा कि उसी समय उत्तरी रेलवे की जमीन को भी वक्फ के नाम पर घोषित कर दिया गया।
कई राज्य में वक्फ को सौंपी जमीनें
गृहमंत्री ने अन्य राज्यों की भी स्थिति बताते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में वक्फ बोर्ड ने एक संपत्ति को मस्जिद बनाने के लिए लिया। तमिलनाडु में 250 हेक्टेयर क्षेत्र में 212 गांवों को वक्फ के स्वामित्व में डाल दिया गया, जबकि वहां के पुराने मंदिरों की 400 एकड़ भूमि को भी वक्फ संपत्ति घोषित कर दिया गया। कर्नाटक में, एक रिपोर्ट में यह पाया गया कि 29 हजार एकड़ भूमि को वक्फ के बिजनेस के लिए किराए पर दे दिया गया था। 2001 से 2012 के बीच करीब 2 लाख करोड़ की संपत्ति को निजी संस्थाओं को 100 साल की लीज पर दे दिया गया, जिसके बाद बेंगलुरु हाई कोर्ट को 602 एकड़ भूमि को वक्फ से बचाने के लिए हस्तक्षेप करना पड़ा।
अमित शाह ने कर्नाटक के विजयपुर के होनवाड़ गांव की 1500 एकड़ भूमि का भी उल्लेख किया, जिसे वक्फ बोर्ड ने कब्जा कर लिया था। उन्होंने बताया कि इस भूमि पर 500 करोड़ रुपये की संपत्ति बनाई गई और उसे फाइव स्टार होटल को किराए पर दे दिया गया।
'गरीब मुसलमानों की रक्षा के लिए है बिल'
गृह मंत्री ने इस कानून का उद्देश्य स्पष्ट करते हुए कहा कि यह कानून देश के गरीब मुसलमानों के पैसे की सुरक्षा के लिए लाया गया है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग संसद में इस मुद्दे को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं, लेकिन सरकार का उद्देश्य सिर्फ गरीबों के पैसे की रक्षा करना है।
अमित शाह ने यह भी बताया कि वक्फ बोर्ड ने ईसाई समुदाय की संपत्तियों पर भी कब्जा किया है, और कई चर्च इस बिल का समर्थन कर रहे हैं। उनका कहना था कि कुछ लोग इस बिल के खिलाफ राजनीति कर रहे हैं, लेकिन असल में यह बिल हर समुदाय की संपत्ति की सुरक्षा करता है।