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US Deport Indians: अमेरिका से निर्वासित किए गए 116 भारतीय नागरिकों को लेकर एक विशेष विमान शनिवार (15 फरवरी, 2025) की देर रात अमृतसर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा। इनमें सबसे ज्यादा पुरुष शामिल थे, जिन्हें यात्रा के दौरान हथकड़ियों और बेड़ियों में रखा गया। निर्वासितों में 67 लोग पंजाब और 33 हरियाणा से हैं। यह अमेरिका से आए अवैध भारतीय प्रवासियों का दूसरा जत्था है, जो भारत वापस लौटा आया।
बेड़ियों में जकड़कर 66 घंटे का सफर
कपूरथला के सुरखा गांव के मनदीप सिंह ने बताया, "हम सभी को करीब 66 घंटे तक हथकड़ियों और बेड़ियों में रखा गया। यह भयावह अनुभव था, लेकिन अधिकारियों का कहना था कि सुरक्षा कारणों से यह जरूरी है।" मनदीप ने अमेरिका जाने के लिए एक एजेंट को 45 लाख रुपये दिए थे, लेकिन आव्रजन अधिकारियों ने उसे हिरासत में ले लिया और अब वह भारी आर्थिक संकट से गुजर रहा है।
यात्रा के दौरान निर्वासितों को बेहद कम भोजन मिला। होशियारपुर के दसूया के बोदल चौनी गांव के मंताज सिंह तीन महीने तक अमेरिकी हिरासत केंद्र में रह रहे थे। उन्होंने कहा, "शुरुआत में हथकड़ियां असहज लगीं, लेकिन अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा के लिए यह जरूरी है। इतने लंबे समय तक बंधक जैसी स्थिति में रहना मानसिक रूप से परेशान करने वाला था।"
संसद में उठा मुद्दा
इस निर्वासन पर संसद में विपक्ष ने जोरदार विरोध जताया। कई नेताओं ने हथकड़ी पहनकर प्रदर्शन किया और सरकार से अमेरिका से जवाब मांगने की मांग की। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संसद में बयान दिया, "निर्वासन कोई नई बात नहीं है। हम अमेरिकी सरकार से बातचीत कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारतीय नागरिकों के साथ यात्रा के दौरान कोई दुर्व्यवहार न हो।"