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राष्ट्रीय

News by Shubham   30 Mar, 2025 13:10 PM

Earthquake havoc in Myanmar: म्यांमार में आए भयंकर भूकंप से लगभग 1700 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और हजारों लोग बेघर हो गए। रविवार को राहत और बचाव दल ने बचाव कार्य तेज कर दिया, लेकिन टूटी सड़कों, गिरे हुए पुलों और खराब संचार व्यवस्था के कारण उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा, देश में चल रहे नागरिक संघर्ष ने भी राहत कार्यों को प्रभावित किया है। बता दें कि शुक्रवार को म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले के पास 7.7 तीव्रता का भूकंप आया। इसकी ताकत इतनी ज्यादा थी कि कई इमारतें ढह गईं और हवाई अड्डे समेत कई बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा।  

15 लाख लोग इस आपदा से प्रभावित
जानकारी के अनुसार मांडले के करीब 15 लाख लोग इस आपदा से प्रभावित हुए हैं। कई लोगों ने डर के मारे रात सड़कों पर गुजारी, क्योंकि बार-बार आ रहे झटकों (आफ्टरशॉक्स) से इमारतों के और गिरने का खतरा बना हुआ है। इस भूकंप का असर थाईलैंड तक महसूस किया गया, जहां 17 लोगों की मौत हो गई। हालांकि लगातार रूप से राहत और बचाव कार्य जारी हैं, लेकिन कठिन हालात के कारण इसमें देरी हो रही है। स्थानीय प्रशासन और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां घायलों की मदद और बेघर लोगों के लिए राहत सामग्री पहुंचाने का प्रयास कर रही हैं।

कई इलाकों में अभी तक नहीं पहुंचे बचाव दल
गौरतलब है कि म्यांमार में आए भीषण भूकंप से अब तक 1,644 लोगों की मौत हो चुकी है और 3,408 लोग लापता हैं। हालांकि, अभी भी कई इलाकों तक बचाव दल नहीं पहुंच पाए हैं। कैथोलिक राहत सेवाओं की यांगून स्थित प्रबंधक कारा ब्रैग के मुताबिक, अब तक ज्यादातर बचाव कार्य स्थानीय लोग और स्वयंसेवकों द्वारा किए गए हैं, जो अपने परिवार और प्रियजनों को खोजने की कोशिश कर रहे हैं। 

उन्होंने बताया कि अब कुछ देशों ने मांडले में खोज और बचाव दल भेजना शुरू कर दिया है, लेकिन हालात बेहद कठिन हैं। अस्पतालों में घायलों की भारी संख्या के कारण इलाज में दिक्कत हो रही है, दवाओं की कमी है, और लोग भोजन और साफ पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। राहत संगठन स्थिति का जायजा लेने के लिए रविवार को एक टीम भेज रहा है, ताकि सबसे ज्यादा जरूरतमंद लोगों की मदद की जा सके।  

हवाई यातायात भी प्रभावित  
भूकंप में मांडले हवाई अड्डा क्षतिग्रस्त हो गया है, और राजधानी नायपिटॉ के हवाई अड्डे का नियंत्रण टॉवर भी खराब हो गया है। इससे सभी वाणिज्यिक उड़ानें बंद कर दी गई हैं, जिससे राहत कार्यों में और मुश्किलें आ रही हैं। बचाव अभियान जारी है, लेकिन अब भी कई जगहों पर फंसे लोगों तक मदद नहीं पहुंच पाई है।

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