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राष्ट्रीय

News by Neha   17 Apr, 2024 04:29 AM

PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सनातन विरोधी टिप्पणियों पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए विपक्षी दलों और उनके नेताओं की कड़े शब्दों में आलोचना की है। जहां पीएम मोदी ने कहा कि "विपक्षी दलों और उनके नेताओं ने एक खास वोट बैंक को खुश करने के लिए राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया, दूसरी ओर, मैं सोच रहा था कि मैं इस समारोह के लिए खुद को कैसे योग्य बनाऊंगा"। इसके साथ ही डीएमके नेताओं द्वारा सनातन विरोधी टिप्पणियों पर पीएम मोदी ने कहा कि "कांग्रेस पार्टी से पूछा जाना चाहिए कि सनातन के खिलाफ इतना जहर उगलने वाले लोगों के साथ बैठने की उसकी क्या मजबूरी है? 'कांग्रेस जिसके साथ कभी महात्मा गांधी जुड़े थे, वह कांग्रेस जिसकी इंदिरा गांधी सार्वजनिक रूप से गले में रुद्राक्ष माला पहनती थीं" कांग्रेस उसका तो लिहाज करे। 

 

डीएमके पर पीएम ने कसा तंज 

वहीं लगातार रूप से डीएमके के नेता द्वारा सनातन धर्म पर टिप्पणी करने मामले में जब पीएम मोदी से उदयनिधि स्टालिन के बयान के बारे में पूछा गया तो पीएम मोदी ने कहा कि, "डीएमके का जन्म शायद सनातन के लिए नफरत के साथ हुआ था, लेकिन सवाल उनका नहीं है, यह कांग्रेस जैसी पार्टी के बारे में है, क्या इसने अपना मूल चरित्र खो दिया है? यह देश के लिए चिंता की बात है कि सनातन विरोधियों के साथ बैठना कांग्रेस की मजबूरी है"। जानकारी के लिए बता दें कि, सितंबर 2023 में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने 'सनातन धर्म' की तुलना 'डेंगू' और 'मलेरिया' जैसी बीमारियों से की और कहा था कि सनातन को हमेशा के लिए खत्म कर देना चाहिए। 

 

 

तमिलनाडु में राम नाम के गांव - पीएम मोदी 

इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि, "भारत एक बहुरत्न वसुंधरा है, भारत विविधताओं का देश है...भारत को टुकड़ों के रूप में देखना भारत के प्रति नासमझी का परिणाम है। भारत के किस भाग में भगवान राम के नाम से जुड़े सबसे अधिक गांव हैं? तमिलनाडु में आप इसे एक अलग इकाई कैसे कह सकते हैं? वहां विविधता है, नागालैंड का कोई व्यक्ति पंजाब के व्यक्ति जैसा नहीं हो सकता, कश्मीर का कोई व्यक्ति गुजराती जैसा नहीं होगा। विविधता हमारी ताकत है, हमें इसका जश्न मनाना चाहिए, भारत एक गुलदस्ते की तरह है, जिसमें हर तरीके के फूल खिलते हैं। यही वह भावना है जिसे बरकरार रखा जाना चाहिए"।

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