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CDS Anil Chauhan: भारत पाकिस्तान संघर्ष भले ही शांत हो गया हो, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर पर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने सोमवार को पुणे के एक विश्वविद्यालय में छात्रों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर कड़े शब्दों में संदेश दिया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि भारत अब आतंकवाद और परमाणु हमले की धमकियों के साये में रहकर नहीं जीने वाला है। इसी के साथ उन्होंने इस संघर्ष में भारत को हुए नुकसान पर भी बड़ी बात कही।
हमले की क्रूरता से मिली प्रेरणा
CDS जनरल चौहान ने कहा कि “पहलगाम में जो कुछ हुआ, वह हद दर्जे की क्रूरता थी। यह हमला केवल निर्दोष नागरिकों पर नहीं, बल्कि भारत की सहनशीलता पर था।” उन्होंने बताया कि यही आतंकी हमला ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की प्रेरणा बना, जिसके तहत भारत ने आतंक के खिलाफ सख्त सैन्य रणनीति अपनाई। उन्होंने यह भी कहा कि “क्या आतंकवाद युद्ध का कोई तर्कसंगत रूप हो सकता है? नहीं, क्योंकि इसमें न कोई मानवीयता है, न कोई नैतिक आधार।”
आतंकवाद की जड़े उखाड़ सकता है भारत
जनरल चौहान ने पाकिस्तान की नीतियों पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो ने 1965 में ही भारत के खिलाफ ‘हजार साल का युद्ध’ छेड़ने की बात कही थी, और आज भी वहां की सेना और नेतृत्व उसी सोच पर कायम है। सीडीएस ने बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि एक स्पष्ट संदेश था—कि भारत अब सिर्फ जवाब नहीं देगा, बल्कि आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने की क्षमता और संकल्प रखता है। उन्होंने कहा, “हमने आतंक को पानी से जोड़ा है और सैन्य कार्रवाई की एक नई रेखा खींच दी है।"
8 घंटों में झुक गया पाकिस्तान
सीडीएस अनिल चौहान ने कहा कि 9 मई की रात करीब 1 बजे पाकिस्तान की मंशा 48 घंटे में भारत को घुटनों पर लाने की थी। पाकिस्तान ने कई हमले किए। उन्होंने इस संघर्ष को बढ़ाया। हमने सिर्फ आतंकी ठिकानों पर हमला किया। पाकिस्तान को लगा कि उनका ऑपरेशन 48 घंटे चलेगा, लेकिन हमने उसे सिर्फ 8 घंटे में ही तबाह कर दिया। इसके बाद उन्होंने सीधे भारत को फोन करके कहा कि हम बात करना चाहते हैं।
जनरल चौहान का यह भाषण न केवल एक चेतावनी था, बल्कि यह भारत की नई रक्षा नीति और आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस के संकल्प का स्पष्ट संकेत भी था।