अशोका यूनिवर्सिटी के गिरफ्तार प्रोफेसर की याचिका पर आज सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

राष्ट्रीय

News by Shubham   16 Mar, 2024 00:00 AM

CAA: देश में सोमवार के बाद लगातार रूप नागरिकता संशोधन कानून को लेकर सियासत में गर्माहट है। जिसके बाद देश की राजनीतिक पार्टियां लगातार रूप से इस पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे है। इसी मामले में अब हैदराबाद के सांसद और एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है जिसमें उन्होने कहा है कि,  धार्मिक आधार पर कानून नहीं बनाया जा सकता। यह केवल राजनीतिक दलों तक ही सीमित मामला नहीं है। यह देश का मामला है। क्या आप 17 करोड़ मुसलमानों को राज्यविहीन बनाना चाहते हैं। यह संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।

'यह अन्याय है' 

इसके साथ ही आगे ओवैसी ने कहा कि, लोगों को सीएए को अलग से नहीं देखना चाहिए। यह केंद्र सरकार द्वारा एनआरसी और एनपीआर को लागू करने की एक पहल है। यह सभी चीजें लागू होने से मुसलमानों, दलित, जनजातियों और गरीब लोगों को नुकसान होगा। हैदराबाद की जनता सीएए के खिलाफ मतदान करेंगे। मैं ध्रुवीकरण नहीं कर रहा हूं। केंद्र सरकार धार्मिक भेदभाव को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है। इसके आगे उन्होंने कहा कि, असम में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एनआरसी लागू किया गया। असम में प्रशासन ने 19 लाख लोगों को संदिग्ध घोषित कर दिया। इनमें 10 से 12 लाख हिंदू हैं। अब सीएए के कार्यान्वयन से उन्हें नागरिकता मिलेगी लेकिन मुसलमानों को नागरिकता नहीं मिलेगी। यह अन्याय है। 

 

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